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जीवन पथ

8 दिसम्बर 2021

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कौन कहता है ?

खुशियाँ बाँटने से बढ़ती हैं  ..

और गम बाँटने से कम होते हैं।


खुशियाँ तो पुष्प होती हैं ,

आती हैं,

महकती हैं , महकाती है ,

अंजुलि भर जाती हैं।

फिर पुष्प झड़ जाते हैं ,

महक उड़ जाती है ।

कभी कभी आपके साथ चलने वालों को महक पसंद नहीं आती है ।


गम क्या है ?

पता नहीं शायद एक बोझ है ।


पर हर कोई अपनी पीठ पर

एक बोझ ढो रहा है ।


तो किसको फुर्सत है

एक दूसरे का गम बाँटे। 


जीवन पथ पर थोड़ी देर बैठे, सुस्ताए।

अपनी गठरी खोलें दूसरों की खुलवाए ।


सब के एक से अपने गम है ।

एक सी परेशानियां 


कौन किससे बाँटे  ?

कौन किससे बँटवायें ?


पर कोई एक बात बताएं 


हम जीवन पथ पर खुशियों को

साथ लेकर नहीं चलते हैं ।


सिर्फ उनकी महक को

यादों में बसायें रहते हैं ।


फिर गम की गठरी को क्यों ढोते हैं ?


ऐसा क्यों नहीं करते करते ?


जब भी गम मिले उससे

उसी जगह स्वीकार कर

उसी जगह छोड़ दे।


हल्के तन मन से जीवन पथ पर आगे बढ़ें ।

उसने धरती पर खाली हाथ भेजा था ।


मौलिक एवं स्वरचित


अरुणिमा दिनेश ठाकुर



Jyoti

Jyoti

👌👌👌

31 दिसम्बर 2021

Anita Singh

Anita Singh

बहुत सुन्दर समझाया अपने गम और ख़ुशी को

30 दिसम्बर 2021

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रचनाएँ
कुछ एहसास दिल से..
5.0
मन के भावों को कविता के रूप में आपके समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास किया है
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जीवन

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