नई दिल्ली: राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कड़ा फैसला लिया है जिसके तहत राज्य के आईएएस अफसरों को अब एसी कमरों में बैठकर योजनाओं की समीक्षा करने की जगह फील्ड में पसीना बहाना पड़ेगा। सभी आईएएस को जिलों में जाकर योजनाओं की जमीनी हालत का निरीक्षण करने और जनता की समस्याओं का समाधान भी करना होगा। मुख्यमंत्री ने विभागों में लगे आईएएस अफसरों को 5 दिन जिलों में जाकर योजनाओं का फीडबैक लेने और रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री को देनी होगी रिपोर्ट
इन आईएएस अफसरों को फील्ड निरीक्षण की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री को भेजी जाने वाली रिपोर्ट में हर दिन का जिक्र करना होगा। योजनाओं की जमीनी हालात जानकर उन्हें प्रभावी तरीके से लागू करने की दिशा में इसे बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि आईएएस अफसर फील्ड विजिट में कितनी सजगता दिखाते हैं और इसके कितने सार्थक परिणाम मिलते हैं। यह अभी कहना मुश्किल होगा, क्योंकि पुराना अनुभव बताता है कि कई प्रभारी सचिव ही पूरी फील्ड विजिट नहीं करते।
मुख्यमंत्री ने लिया फैसला
मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद मुख्य सचिव ओपी मीना ने सभी एसीएस, प्रमुख सचिवों और सचिवों को आदेश जारी कर हर महीने कम से कम पांच दिन 3 जिलों का फील्ड निरीक्षण और वहां की समस्याओं का समाधान करने के लिए कहा है। गौरतलब है कि अब तक केवल जिलों के प्रभारी ही अपने प्रभार वाले जिलों का दौरा करते थे, लेकिन अब सभी एसीएस, प्रमुख सचिव और सचिवों को भी हर माह तीन जिलों का दौरा करने के आदेश दिए हैं।