अनूप श्रीवास्तव
नई दिल्ली: भारत के 20 वर्षीय अरुण एस कुमार को फेसबुक कोड में कमी ढ़ूढने पर 10.70 लाख का इनाम मिला है। अरुण कुमार केरल के कोल्लम ज़िले में रहते हैं। दरअसल फेसबुक ने 2011 में बग बाउंटी नामक प्रोग्राम की शुरूआत की थी जिसके तहत अगर कोई शख़्स फेसूबुक की कोडिंग में किसी भी तरह की कोई गड़ूबड़ी ढूंढकर सूचित करता है तो उसे नग़द इनाम दिया जाता है। 20 साल के इस भारतीय हैकर ने फेसबुक की एक क्रिटिकल गड़ूबड़ी को पकड़कर उनहें बताया तो उन्होनें अपनी गड़बड़ी सुधारकर इनाम देने का फ़ैसला किया।
फेसबुक को बताया कैसे हो सकता है घातक नुकसान
दरअसल अरुण कुमार इंस्टिट्यूट आफ टेक्नॉलाजी ऐंड इंजिनियरिंग के स्टूडेंट हैं। इन्होनें फेसबुक के बिज़नेस मैनेजर की कोडिंग में ऐसी गड़ूबड़ी पकड़ी जिसके ज़रिये कोई भी हैकर बेहद सरलता से फेसूबुक के किसी भी पेज को 10 सेकेंड के लिए हैक कर सकता था, अरुण बताते हैं कि इतने वक़्त में हैकर पेज में जाकर जो नुकसान पहुंचा सकता है उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। ये बेहद ही गंभीर था। अरुण ने इस बग को 29 अगस्त को ही पकड़ लिया था। जिसके बाद उन्होनें फेसबुक टीम को सूचित भी किया। जिसके बाद इस बग को कंपनी ने 6 सितंबर को ठीक किया और तीन दिन के बाद अरुण को मेल किया कि उन्हें इसके लिए रिवार्ड दिया जाएगा।
फेसबुक से लेकर गूगल तक को पढ़ाया पाठ
अरुण एस कुमार एक ऐसा नाम जिसका ज़िक्र आते ही बड़ी बड़ी आईटी कंपनियों के बड़े बड़े दिग्गज कांपने लगते हैं। क्योंकि अरुण एस कुमार दुनिया की नामी गिरामी साईटस फेसबुक, गूगल के कई बार बग्स पकड़े चुके हैं। पिछले तीन साल में यह भारतीय हैकर बग्स ढूंढकर 30.85 रुपए कमा चुका है।
फेसबुक ने बुलाया लॉस वेगास
फेसबुक ने अरुण एस कुमार को अपनी सुरक्षा इकाई की मीटिंग में लॉस वेगास में आमंत्रित भी किया था। फेसबुक ने अरुण को हॉल आफ फेम से भी नवाज़ा। अरुण भारत के वाहिद ऐसे शख़्स हैं जिन्हें हॉल आफ फेम से नवाज़ा गया है। अरुण के क़रीबी ने बताया कि अभी उनकी इंजीनियरिंग ख़त्म होने में एक साल बाकी है, उन्होने बताया कि अरुण का कहना है कि वो इन रुपयों का इस्तेमाल अपनी आगे की पढ़ाई में करेंगे जो कि विदेश में होनी है।