नई दिल्ली: पाकिस्तान हर बार वादा करके मुकर जाता है यदि ऐसा ही भारत ने कर दिया तो पाकिस्तान घुटनों पर आ जाएगा। हम बात कर रहे हैं इंडस वाटर ट्रीटी की जो 1960 पाकिस्तान से हुई थी। जिसके तहत भारत अपनी 6 नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब, सतलुज, व्यास और रावी नदी) का पानी पाकिस्तान को खुद से ज्यादा देता है। अगर इस ट्रीटी को भारत ने रद्द कर दिया तो पाकिस्तान की रीढ़ की हड्डी टूट जाएगी और वो घुटनों पर आ जाएगा। इतना ही नहीं, ऐसा करने से पाकिस्तान को हर शर्त भी मानने पर मजबूर होना पड़ेगा। बता दें इस ट्रीटी की वजह से जम्मू-कश्मीर को हर साल 60 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो रहा है। यह भी पढ़ें ... पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने अपने गांव के लड़के को गलत तरीके से बनाया था अफसर, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
ट्रीटी रद्द हुई तो क्या होगा पाकिस्तान का
पाकिस्तान का एक बड़ा तबका एग्रीकल्चर पर निर्भर है। अगर इन नदियों का पानी बंद दिया गया तो पाकिस्तान का एग्रीकल्चर पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा और पाकिस्तान का एग्रीकल्चर के बर्बाद होने का मतलब है। पाकिस्तान की 19 करोड़ से जनसंख्या का क्या हाल होगा इस अंदाजा लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं अगर ये ट्रीटी खत्म हो गई तो पाकिस्तान बिजली के लिए भी तरस जाएगा। क्योंकि इन नदियों से कई डैम बने हैं जो पाकिस्तान को बिजली देते हैं।
क्या है ट्रीटी में
भारत ने बीच वर्ल्ड बैंक ने मध्यस्थता की थी जिसके बाद 19 सितंबर 1960 को कराची में इंडस वाटर ट्रीटी हुई थी। भारत के तत्कालीन पीएम जवाहर लाल नेहरू और पाक के फॉर्मर प्रेसिडेंट जनरल अयूब खान ने इस तट्रीटी पर साइन किए थे। जिसके मुताबिक भारत पाक को अपनी सिंधु, झेलम, चिनाब, सतलुज, व्यास और रावी नदी का पानी देगा। जिसके बाद से इन नदियों का 80 फीसदी से ज्यादा पानी पाकिस्तान को मिलता है।