5 अगस्त 2018
फ़लसफ़ा-ए - मुहब्बत में मज़हब नहीं होता, खुदा तो होता है, पर कारोबार नहीं होता. नाम ले के खुदा का जो फैलाते है नफ़रत,खुद उनका घर कभी आबाद नहीं होता. (आलिम)