नई दिल्लीः माउंट एवरेस्ट फतह कर पुलिस महकमे में पहले तो दंपती ने खूब वाहवाही लूटी, मगर जब सच का खुलासा हुआ तो अब मुंह छिपाते घूम रहे। यह झूठा खेल पुणे के कांस्टेबल दंपती दिनेश और ताराकेश्वरी राठौड़ ने खेला। नेपाल ने माउंट एवरेस्ट फतह का प्रमाणपत्र रद करते हुए दस साल तक किसी भी पहाड़ पर चढ़ने पर रोक लगा दी है। ताकि अन्य पर्वतारोही आइंदा ऐसा फर्जीवाड़ा करने की न सोचें।
पहाड़ चढ़े बगैर ग्रुप फोटो से छेड़छाड़ कर लगा दी अपनी तस्वीरें
दरअसल पुलिस दंपती पर्वतारोहियों के दल के साथ पहाड़ पर चढ़ाई करने गए थे, मगर बीच रास्ते में ही उनकी हिम्मत हार गई तो वापस हो लिए। मगर उन्होंने एवरेस्ट फतह करने वाले साथी पर्वतारोहियों की ग्रुप तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ कर उसमें अपनी फोटो लगा दी। इसके बाद खुद को एवरेस्ट फतह करने वाला बताया तो खूब शोहरत मिली। पुलिस महकमे से भी शाबासी मिली।
शिकायत पर खुली पोल
एवरेस्ट पर चढ़ाई करने गए साथ के अन्य सफल पर्वतारोहियों को जब पुलिस दंपती के फर्जीवाड़े की खबर हुई तो उन्होंने एवरेस्ट पर चढ़ाई के दावे को झूठा बताया। इसकी शिकायत कर दी। जिसके बाद नेपाल के पर्यटन विभाग के प्रमुख सुदर्शन प्रसाद ढकाल ने जांच कराई तो वाकई में दंपती की ओर से पेश तस्वीर फर्जी निकली। जिसके बाद उन्होंने उन्होंने माउंट एवरेस्ट पर फर्जी चढ़ाई के ममले में दंपती पर दस साल तक देश के किसी भी पहाड़ पर चढ़ने पर रोक लगा दी है।