नई दिल्ली : मोदी सरकार ने बीते समय में देश में टैक्स चोरी या टैक्स न भरने को लेकर काफी सख्त कदम उठाये हैं। टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ताज़ा रिपोर्ट की माने तो सरकार ऐसी 4 लाख कंपनियों का रजिस्ट्रेशन समाप्त करने जा रही हैं जो इनकम टैक्स नहीं चुका रही हैं। वित्त वर्ष 2013-14 और वित्त वर्ष 2014-15 में जिन कंपनियों ने रिटर्न्स फाइल नहीं किये उन्हें नोटिस भेजे जा चुके हैं।
देश में कितनी कंपनियां ?
देश में इस वक़्त लगभग 13 लाख कंपनियां रजिस्टर्ड हैं। इनमे सबसे ज्यादा कंपनियां महाराष्ट्र में 326129 और दिल्ली में तीन लाख कंपनियां हैं। वेस्ट बंगाल में 1.92 लाख से ज्यादा और तमिलनाडु में 1.26 लाख से ज्यादा कंपनियां हैं। मार्च 2015 के आखिर तक कुल 14.6 लाख कंपनियां थीं, लेकिन सिर्फ 10.2 लाख को ही सक्रिय माना जा रहा था जबकि महज 214 कंपनियों ने खुद को 'निष्क्रिय' घोषित कर रखा था।
क्यों बंद हो रही कंपनियां
मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स की रिपोर्ट के अनुसार फरवरी 2017 तक देश में 3 लाख से ज्यादा कंपनियां बंद हो चुकी हैं। इन कंपनियों के बंद होने का कारण कारोबार में स्लो डाउन, मैन्युफैक्चरिंग यूनिट बंद और पॉल्यूशन नॉर्म के सख्ती भी है।
कंपनियों के बंद होने का सबसे बड़ा कारण रिटर्न जमा न करना है। रिपोर्ट के मुताबिक देश में इस समय 1.38 लाख से ज्यादा कंपनियां हैं, जो दो साल से ज्यादा समय से एनुअल फाइलिंग नहीं कर रही हैं।