नई दिल्लीः यूपी के बहराइच में एक एसीएमओ के फॉर्म हाउस पर छापा मारा तो 50 गायों के शव जहां जमीन से निकाले गए। वहीं 50 अन्य गाय और बछड़ों को मुक्त कराया गया। जिन्हें मारने के लिए रखा गया था। प्रशासनिक टीम को आशंका है कि आयुर्वेदिक दवाएं बनाने के लिए गायों की हत्या की जाती थी। पोस्टमार्टम के बाद पशु क्रूरता अधिनियम का मामला दर्ज कर लिया गया है। हालांकि चिकित्साधिकारी का कहना है कि वह पिछले 75 साल से गायों की देखभाल कर रहे थे। बूढ़ी होने पर और चारे के अभाव में गायें अपनी मौत मरीं। उन्होंने खुद को फंसाए जाने का आरोप लगाया।
क्या है मामला
एसीएमओ जेएन मिश्रा का फॉर्म हाउस बहराइच-लखनऊ मार्ग स्थित मरौचा गांव के पास है। फार्म हाउस में कुछ गायों को मारकर दफनाने की सूचना पर अपर पुलिस अधीक्षक दिनेश त्रिपाठी और एसडीएम कैसरगंज अमिताभ यादव पहुंचे और छापेमारी की। मौके पर आयुर्वेदिक दवाओं के पैकेट, कैप्सूल और टैबलेट भी बरामद की गई है। टीम ने आशंका जताई है कि आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने के लिए गायों की हत्या की गई और शवों को दफनाया गया। खुदाई कर गायों के शवों को निकाला गया है। पोस्टमार्टम के बाद अभी और खुलासा होना बाकी है। इस मामले में पशु क्रूरता अधिनियम का मामला भी दर्ज कर लिया गया है। आरोपी फार्म हाउस मालिक एडिशनल सीएमओ डा जे. एन. मिश्रा का कहना है कि उन्होने नौ बछियो से गौशाला की शुरुआत की थी और मकसद गौ सेवा था, लेकिन चारे पानी से तंग आकर ग्रामीण अपनी कमजोर और बीमार गायो को फार्म हाउस पर बांध जाते थे जिनकी सेवा करना भी उनकी जिम्मनेदारी बन गई थी उन्होंने कहा कि हमनें अपनी क्षमता के मुताबिक उनकी सेवा की लेकिन जब उनकी मौत हो गई तो उन्हें फार्म हाउस में दफना दिया गया। उनका कहना है कि उन्होंने गायों से कोई लाभ नही कमाया है।