नई दिल्ली : भरतनाट्यम एक्सपोनेंट लीला सैमसन को 2009-10 में चेन्नई में कलक्षेत्र फाउंडेशन के बदलाव के दौरान कथित वित्तीय अनियमितताओं के कारण सीबीआई जांच का सामना करना पड़ सकता है। उनके खिलाफ सीबीआई की जांच के लिए अब संस्कृति मंत्री महेश शर्मा की मंजूरी का इंतजार है। लीला सेमसन का नाम बहुत से लोग नहीं जानते होंगे लेकिन वह लुटियंस क्लब की एक महत्वपूर्ण सदस्य रही हैं।
लीला सेमसन एक पेशेवर भरत नाट्यम डांसर और कोरियोग्राफर भी रह चुकी हैं। अप्रैल 2005 में वह कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार में 'कलाक्षेत्र' की डायरेक्टर भी नियुक्त की गई थी। साल 2011 में उन्हें यूपीए सरकार के दौरान संगीत नाटक अकादमी और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन के बोर्ड (CBFC) का अध्यक्ष भी बनाया गया।
सबसे महत्वपूर्ण बात लीला सेमसन के साथ यह रही कि वह गाँधी परिवार की बेहद करीबी मानी जाती रही। वह कह भी चुकी हैं उन्होंने कुछ साल तक प्रियंका गाँधी को भी भरत नाट्यम पढ़ाया। शायद यही कारण रहा कि यूपीए सरकार के 10 सालों के कार्यकाल के दौरान वह छह महत्वपूर्ण पदों पर रही।
इसे पहले भी इंडियन एक्सप्रेस सहित कई अख़बारों ने साल 2011 में उनके सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष बनने के पीछे उनके कांग्रेस पार्टी के नजदीकी होने को कारण बताया। हालाँकि इसके पीछे उस वक्त यह तर्क भी दिए गए कि उन्हें एक एक अच्छी भरत नाट्यम डांसर होने के कारण सेंसर बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया।
कई लोगों का कहना यह भी था कि लीला सेमसन को गाँधी परिवार के नजदीकी होने के कारण कई सम्मानों से भी नवाजा गया। साल 2012 में सेमसन ने कलाक्षेत्र के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा राम रहीम की फिल्म मैसेंजर ऑफ गॉड परदे पर आने से पहले ही विवादों में आने के कारण उन्होंने सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया था।
लीला सैमसन के सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष रहने के दौरान बोर्ड के सदस्यों पर बहुत सारे भ्रष्टाचार के आरोप लगाये गये थे। 2014 में अगस्त माह में बोर्ड मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेश कुमार पर छत्तीसगढ़ की एक फिल्म के प्रमाणन के लिए 70000 रुपए रिश्वत लेते हुए सीबीआईन रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। जिसके बाद सीबीआई ने सीबीएफसी के सलाहकार समिति ते सदस्य सर्वेश जायसवाल व श्रीपति मिश्रा को भी भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।