दिल्ली : तीन साल के लंबे समय के बाद केंद्र सरकार ने दिल्ली की झांकियों को परेड के लिए मंजूरी दी है. झांकी में प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर तैयार किए जा रहे मॉडल स्कूलों का स्वरूप देखने को मिलेगा. अंतिम बार गणतंत्र दिवस परेड में दिल्ली की झांकी वर्ष 2013 में शामिल हुई थी.
रक्षा मंत्रालय से झांकी को स्वीकृति मिलने की खबर के बाद दिल्ली सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा, कई साल के बाद दिल्ली की झांकी को स्वीकृति मिली है, यह वाकई खुशी की बात है. 68वें गणतंत्र दिवस पर जब यह झांकी राजपथ से गुजरेगी तो निस्संदेह हर दिल्ली वासी गर्व का अनुभव करेगा.
इस बार आप सरकार ने झांकी का प्रस्ताव तैयार करने का दायित्व साहित्य कला परिषद को सौंपा था. परिषद द्वारा तैयार झांकी के कई प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय विशेषज्ञ समिति को भेजे गए. एक प्रस्ताव था मोहल्ला क्लीनिक और वहां मिल रही सुविधाएं, दूसरा था यमुना नदी की साफ सफाई और आरती. जबकि एक अन्य प्रस्ताव में दर्शाया गया कि किस तरह से दिल्ली सरकार सरकारी स्कूलों को मॉडल स्कूल के रूप में तैयार कर राजधानी की स्कूली शिक्षा में खासा सुधार एवं बदलाव कर रही है.
रक्षा मंत्रालय को मॉडल स्कूल का थीम ही बेहतर लगी. विशेषज्ञ समिति ने कुछ सुझावों के साथ मंजूरी भी इसी थीम को दी. इस झांकी में मॉडल स्कूल का स्वरूप, वहां की कक्षाएं, बच्चों को दी जा रही सुविधाएं और अन्य बदलाव दर्शाए जाएंगे. 24 दिसंबर को विशेषज्ञ समिति को झांकी का फाइनल प्रेजेंटेशन दिखाया जाएगा.
दिल्ली सरकार के कला एवं संस्कृति सचिव वी. अब्राहम, का कहना है कि मॉडल स्कूल के थीम पर दिल्ली की झांकी को स्वीकृति मिल गई है. थीम के आधार पर ही इस झांकी का फाइनल प्रेजेंटेशन तैयार किया जा रहा है. 24 दिसंबर को रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति तय करेगी कि उसमें कुछ और बदलाव किए जाएं या प्रेजेंटेशन ओके है. उसके बाद सिंगल ट्रेक्टर ट्रॉली पर इसे तैयार करना शुरू कर दिया जाएगा.