दिल्ली : कैशलेश भारत की तरफ मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठा लिया है. कैबिनेट ने उस अध्यादेश पर मुहर लगा दी है जिसके तहत अब सैलरी चेक में देनी होगी या सीधे अकाउंट में ट्रांसफर करना होगा. अध्यादेश पर कैबिनेट की मुहर के बाद अब कर्मचारियों को कैश में तनख़्वाह देने पर पाबंदी लग गई है.
कैबिनेट के इस अध्यादेश पर अभी राष्ट्रपति की मुहर लगनी बाकी है. सरकार का ये फैसला 10 से अधिक कर्मचारी वाली कंपनियों पर लागू होगा. यह विधेयक 15 दिसंबर 2016 को लोकसभा में रखा गया. इसे अगले साल बजट सत्र में पारित कराया जा सकता है. लेकिन सरकार ने दो और महीने इंतजार करने के बजाए अध्यादेश लाने का फैसला किया. आपको बता दें कि अध्यादेश छह महीने के लिए ही वैध होता है. सरकार को इस अवधि में इसे संसद में पारित कराना होता है.
आपको बता दें कि इससे पहले भी सरकार ने कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं. सरकार ने रोजमर्रा के कई लेन देन में डिजिटल पेमेंट पर छूट का ऐलान कर रखा है. इसके अलावा नीति आयोग ने ‘लकी ग्राहक योजना’ और ‘डिजी धन व्यापार ी योजना’ लॉन्च कर रखी है.