नई दिल्लीः लाल किले की प्राचीर से 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने जब यूपी में हाथरस के नगला फतेला गांव में पहली बार बिजली पहुंचने का दावा किया तो हकीकत कुछ और थी। गांव में बिजली के नाम पर सिर्फ खंभे और तार खिंचे होने पर जब विपक्ष ने मोदी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया तो भाजपा ने अपने स्तर से नगला फतेला गांव की हकीकत परखी तो सच से सामना हुआ। इसी के साथ पार्टी का केंद्र की दीनदयाल उपाध्याय योजना में बड़े घपले से भी पाला पड़ा। इस पर भाजपा ने गांवों को रौशन करने की इस केंद्रीय योजना में करोडों के घोटाले की आशंका जताते हुए कैग से ऑडिट की मांग की है। भाजपा के लखनऊ स्थित प्रदेश मुख्यालय पर अध्यक्ष केशव मौर्या ने दावे के समर्थन में दस्तावेज भी जारी कर सपा सरकार पर झूठी रिपोर्टिंग कर केंद्र का पैसा हड़पने का आरोप लगाया है।
केंद्र से मिली 1411 करोड़ की धनराशि लूट-खसोट की भेंट चढ़ी
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने दावा किया है कि सूबे में 80000 गांवों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए दीनदयाल उपाध्याय विद्युतीकरण योजना में 10000 करोड़ रुपये यूपी के लिए केंद्र ने मंजूर किए। जिसमें से 1411 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। मगर, जिस तरह से नगला फातेह में विद्युतीकरण को लेकर झूठी रिपोर्ट भेजी गई, उससे पता चलता है पूरे प्रदेश में बगैर काम किए ही पैसा खर्ज दिखा दिया गया। प्रदेश में 1529 गांवों में बिजली पहुंचाने की योजना रही। 2012-13 में सपा सरकार ने महज तीन गांवों का विद्ुयतीकरण कराया, 2013-14 में प्रगति शून्य रही। जब भाजपा सरकार बनी तो पीएम मोदी के निर्देश पर विद्युतीकरण अभियान शुरू हुआ। 2014-15 में भी लचर कामकाज हुआ तो सिर्फ 59 गांवों को बिजली नसीब हुई। केंद्र सरकार ने नाराजगी जताई तो 2015-16 में 1305 गांवों को बिजली सुविधा पहुंचाने का राज्य सरकार ने दावा किया।
नगला फतेला गांव के मुद्दे पर भाजपा के सवाल
केशव मौर्या ने कहा कि पीएम ने नगला फतेला में बिजली नहीं पहुंची मगर राज्य सरकार ने रिपोर्ट भेज दी। जब पीएम मोदी ने लाल किले से विद्युतीकरण का मुद्दा उठाया तो भी प्रदेश सरकार सच साबित करने में जुटी रही। मगर, जो रिपोर्ट मिली, उससे प्रदेश सरकार का विद्ुयतीकरण को लेकर झूठ उजागर हो गया। उन्होंने कहा कि अगर नगला फतेला में 1985 में बिजली आ रही थी तो 13 अक्टूबर 2015 को राज्य सरकार ने क्यों केंद्र को वहां दीनदयाल योजना के तहत विद्ुयतीकरण की रिपोर्ट भेज दी। अगर वहां खंभे और तार बिछाए गए थे तो किसके आदेश से वहां के लोगों को बिजली उपलब्ध नहीं कराई गई थी।
यूपी में विद्युतीकरण की स्पेशल आडिट कराई जाए
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला कहा है कि नगला फातेह मामले से साफ पता चलता है कि प्रदेश सरकार झूठी रिपोर्ट देकर केंद्र सरकार से विद्युतीकरण के लिए भेजे पैसे को लूट रही है। इस नाते पार्टी स्पेशल आ़डिट की मांग करती है। इसके लिए कैग व अन्य एजेंसियों को भी जांच के लिए लिखा जाएगा। मनीष शुक्ला ने कैग ऑडिट से ही दूध का दूध पानी का पानी हो सकेगा।
केंद्र की नोटिस पर यूपी ने भेजा नगला फतेला पर जवाब
हाथरस के नगला फतेला गांव में विदुतीकरण के मुद्दे पर केंद्र सरकार के रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कारपोरेशन लिमिटेड(आरईसी) ने यूपी को नोटिस जारी की थी। जिस पर यूपीपीसीएल के एमडी एपी मिश्रा ने केंद्र को जवाब भेज दिया। जिसमें यूपी सरकार ने केंद्र को किसी तरह की झूठी जानकारी देने की बात से इन्कार किया है। कहा है कि नगला फातेह गांव पिछले 25 साल से ऊर्जीकृत है। उधर आरईसी ने यूपी में दीनदयाल उपाध्याय योजना वाले सभी 1500 गांवों में हुए कार्य की जांच कराने का निर्णय लिया है।