नई दिल्ली: दक्षिणी राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में बसा एक बसेरा नाम का गांव। सड़क नहीं है और अगर सड़क नहीं है तो गांव में कोई वाहन भी नहीं आता। । लेकिन इस गांव में लोग अपनों से स्काइप के जरिए दूसरे शहरों में बात करते हैं। पूरा गांव वाई फाई है। सुनकर आपको भले ही हैरानी हो कि एक गांव में वाई फाई कैसे हो सकता है लेकिन ये सच है।
कैसे बना ये पूरा गांव वाई फाई
यह गांव दक्षिणी राजस्थान का एक आदिवासी गांव है। जो प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय से करीब 20 किमी दूरी पर बसा है। गांव के छात्रों को ज्यादातर काम के लिए प्रतापगढ़ जाना पड़ता था। जिसमे छात्रों का समय खराब होता है और कई बार खराब मोसम की वजह से छात्र कई बार शहर में जा भी नहीं पाते थे। ईश्वर ने जून 2015 में मैंने प्रधानमंत्री रोजगार योजना के बारे में सुना और इस योजना के तहत लोन के लिए आवेदन किया। जिला उद्योग केंद्र ने चार लाख का लोन स्वीकृत कर दिया लेकिन बैंक ने क्षेत्र को पिछड़ा मानते हुए फाइल रोक दी। बैंक ने कहा कि आपका क्षेत्र इसके लिए उपयुक्त नहीं है क्योंकि जब गांव में इंटरनेट ही नहीं है तो कंप्यूटर सेंटर खोलकर क्या करोगे?
इसके बाद ईश्वर ने गांव वालो की मदद से पैसे एकत्रित किए। तीन माह तक पूरी जानकारी जुटाने के बाद रेल वायर सर्विस से नेटवर्क लिया और करीब एक लाख रुपये की लागत से गांव के मुख्य चोराहे, चोक और आबादी क्षेत्रों में डिवाइस लगवाए। जिसके बाद पूरा गांव वाई फाई बन गया। ईश्वर ने 100 यूजर्स को वाई फाई एक्सेस दे रखी है। सभी को एक जीबी तक का डेटा निशुल्क इस्तेमाल कर सकते हैं।