नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2017 के लिए सपा मुखिया मुलायम की तरफ से जारी की गई लिस्ट में एक कैंडिडेट नाशीखान का नाम भी शामिल है. नाशी न सिर्फ सबसे युवा चेहरा बल्कि अपने कामों की वजह से भी चर्चा में रह चुकी हैं. उन्हें युवा अचीवमेंट लीडर्स का सम्मान भी मिल चुका है.
नाशी की रगरग में भरी है राजनीति
विरासत में मिली राजनीति के दांव पेंच तो उनकी रगरग में भरे हैं. दरअसल नाशी की मां नजीबा पटियाली विधानसभा सीट से विधायक हैं. मां करीब 22 साल से राजनीति में हैं और सोशलिस्ट मूवमेंट में काफी एक्टिव रह चुकी हैं. वह शुरू से ही जनता के बीच जाती थीं और लोगों के दुखदर्द को समझती रही. 2012 में जब विस चुनाव में मां सपा से कंडीडेट थीं. उस समय नाशी आगरा में लॉ की पढ़ाई कर रही थी. सरकार बनने के बाद 2013 में प्रदेश में सहकारिता विभाग के लिए 13 डायरेक्टर्स का सिलेक्शन हुआ, जिसमें नाशी नाम भी शामिल था. खास बात ये रही है कि मैं निर्वरोध चुनी गई थी, मेरे सामने किसी ने भी नामांकन नहीं कराया था.
तेवर को लेकर बटोर लेती हैं सुर्खियां
नाशी सिर्फ युवा चेहरा ही नहीं बल्कि अपने तेवर को लेकर भी चर्चा में रहती हैं. अगस्त 2015 में वो मीडिया की सुर्खियां बनी. दरअसल पटियाली कोतवाली में तैनात दरोगा सुशील कुमार कई दिन से पटियाली कस्बे में एक फल विक्रेता से मुफ्त में सेब खा रहे थे. एक रोज उन्होंने 2 किलो सेब तौलवाए और बिना पैसा दिए जाने लगे. दुकानदार ने पैसे मांगे तो दरोगा ने वर्दी का रौब दिखाते हुए उसे बंद करने तक की धमकी दे डाली. इसी बीच नाशी वहां से गुजर रही थीं तभी फल विक्रेता ने उनसे शिकायत कर दी. यह सुनकर नाशी का पारा चढ़ गया और दारोगा को जमकर खरी-खोटी सुनाई और उन्हें पैसा चुकाने की नसीहत भी दी.
सबसे कम उम्र की डायरेक्टर
उल् लेख नीय है कि नाशी सहकारिता विभाग की सबसे कम उम्र की डायरेक्टर बनीं. नाशीखान का जन्म यूपी के कासगंज जिले में हुआ. जबकि उनका बचपन सहावर में बीता. उनका घर का नाम फैरी है. खाली समय में वो नॉवेल पढ़ना, ड्राइविंग करना और क्रिकेट देखना पसंद करती हैं. इन्हें यंग अचीवर लीडर अवार्ड भी मिल चुका है. ये अवार्ड उन्हे अपने क्षेत्र में समाज सेवा में सक्रियता के लिए दिया गया था.