निष्कर्ष के कहने पर काश्वी ने उत्कर्ष को रिप्लाई किया और एडमिशन के लिये हां कर दिया… कुछ घंटे बाद ही रिप्लाई आया जिसमें कंफरमेशन के साथ काश्वी को 15 दिन में ज्वाइन करने को कहा गया
रिप्लाई आते ही काश्वी ने निष्कर्ष को फोन करके बताया… वो बहुत खुश हुआ पर काश्वी ने उसे अपनी
शर्त भी याद दिला दी… अब निष्कर्ष को इन्हीं पद्रंह दिनों में काश्वी को उदयपुर ले कर जाना है
“हां ठीक है मैं प्रोग्राम बनाता हूं… पर तुम जाने की तैयारी करो” निष्कर्ष ने जवाब दिया
काश्वी और उसका परिवार उसके जाने की तैयारी में लग गये… निष्कर्ष भी हर काम में काश्वी की मदद
करता रहा… पर काश्वी को अपने कोर्स से ज्यादा इंटरेस्ट उदयपुर जाने में है… निष्कर्ष जब भी उससे जाने की बात करता तो काश्वी उसे दिन याद दिलाती और उससे पूछती कि हम
उदयपुर कब जा रहे हैं?
निष्कर्ष ने काफी बार टालने की कोशिश की क्योंकि वो जानता था कि काश्वी जितना उसके साथ रहेगी उसका जाना उतना मुश्किल होगा पर काश्वी लगातार उसे याद दिलाती रही
काश्वी के जाने में अब पांच दिन ही बचे हैं… निष्कर्ष उसके घर आया तो काश्वी उससे मिलने नीचे नहीं आई… सब हैरान हुए कि उसे क्या हुआ बुलाने पर भी नहीं आई… काश्वी नीचे नहीं आई तो निष्कर्ष उससे मिलने उसके कमरे में गया
देखा तो काश्वी अपने लैपटॉप पर काम कर रही है… निष्कर्ष उसके पास जाकर बैठ गया… “क्या हुआ ज्यादा काम है?” निष्कर्ष ने पूछा
“काम तो आपको है बहुत बिजी हो” काश्वी ने बिना निष्कर्ष को देखे जवाब दिया
“अरे क्या हुआ इतना नाराज क्यों हो… मैं तो तुम्हारे साथ ही हूं” निष्कर्ष ने पूछा
“मैं नहीं जा रही… मैंने मेल करके मना कर दिया” काश्वी ने कहा
निष्कर्ष हैरान हो गया
“क्यों क्या हुआ?” निष्कर्ष ने पूछा
“आप अपना वादा भूल गये तो मैंने भी नहीं जाने का फैसला कर लिया” काश्वी ने कहा
“कौन सा वादा काश्वी और ये क्या बचपना है तुम्हें ये सब मजाक लग रहा है क्या?” निष्कर्ष ने थोड़े गुस्से से कहा
“मजाक… हां मजाक ही तो है पहले हां कहा और फिर भूल गये… कोई बात ही नहीं की एक हफ्ते से… अब कुछ नहीं हो सकता मैंने मना
कर दिया… मुझे कहीं नहीं जाना” काश्वी ने कहा
“ओह तो ये बात है तुम उदयपुर जाने की बात कर रही हो… काश्वी हम चलेंगे जब तुम वापस आओगी अभी थोडा मुश्किल है… नाराज मत हो… समझो… मैं कोशिश कर रहा हूं… चलो छोड़ो ये सब… जाने की तैयारी करो बस पूरा ध्यान वहीं लगाओ” निष्कर्ष ने कहा
“आपको पता है मैं नहीं जाउंगी तो फिर क्यों बोल रहे हो” काश्वी ने फिर कहा
“अरे ये क्या है… अच्छे बच्चे जिद नहीं करते मैंने कहा ना ले जाउंगा” निष्कर्ष ने कहा
“ये जिद नहीं है आपने अपना वादा नहीं निभाया तो मैं भी आपकी बात नहीं मानने वाली… बस अब और कोई बात नहीं…”
ये कहकर काश्वी फिर अपने लैपटॉप पर काम करने लगी… निष्कर्ष ने देखा तो काश्वी सच में अपने लैपटॉप पर मेल टाइप कर रही है “अरे तुम तो सच में मेल कर रही हो रूको… सेंड मत करना” निष्कर्ष ने काश्वी से लैपटॉप ले लिया
काश्वी ने निष्कर्ष से अपना लैपटॉप वापस मांगा लेकिन निष्कर्ष ने उसे दिया नहीं, वो मेल पढ़ने लगा
“मतलब तुम मानने वाली नहीं”
काश्वी ने निष्कर्ष की बात का कोई जवाब नहीं दिया… निष्कर्ष ने काश्वी का लैपटॉप बंद किया और कहा
“ठीक है चलो चलते हैं, पर पहले अपने पापा से पूछो वो भेजेंगे तुम्हें अकेले मेरे साथ”
“हां क्यों नहीं… वो टेंशन नहीं है पापा को बताया था… एक बार फिर से बात कर लूंगी” काश्वी ने कहा
“सच में प्रोबलम नहीं होगी?” निष्कर्ष ने पूछा
“प्रोबलम सिर्फ आप हो… हां बोलो नहीं तो मैं कहीं भी नहीं जाउंगी” काश्वी ने जवाब दिया
“अच्छा बाबा ठीक है मैं टिकट बुक करता हूं तुम जाओ पापा से बात करो” निष्कर्ष ने कहा
काश्वी अपने पापा से बात करने चली गई और निष्कर्ष टिकट के अरेंजमेंट में लग गया
कुछ देर बाद काश्वी वापस आई तो पूछा “कब जा रहे हैं हम?”
“पापा ने क्या कहा?” निष्कर्ष ने पूछा
“हां और क्या… वो मेरे पापा है आपकी तरह बहाने नहीं बनाते सीधा जवाब होता है या तो हां या तो न”
“अच्छा इतना भरोसा है उन्हें मुझ पर कि तुम्हें अकेले भेज रहे हैं मेरे साथ” निष्कर्ष ने कहा
“हां ठीक ठाक ही हो आप… अब जान गये वो भी… एक महीना वर्कशॉप में भी तो रही आपके साथ और वैसे भी उन्हें आपसे ज्यादा मुझ पर भरोसा है… इसलिये हां कहा” काश्वी ने जवाब दिया
“ओ के और तुम्हें मुझ पर भरोसा है? मैं तुम्हें भगाकर ले गया तो?” निष्कर्ष ने मजाक में कहा
“मैं तो तैयार हूं आप ही दूर भेज रहो हो” काश्वी ने मुस्कुराकर जवाब दिया
“काश्वी कंट्रोल… अभी ये टाइम तुम्हारे करियर बनाने का है… इन सब चक्करों में मत पड़ो फोकस सही होना चाहिए नहीं तो फोटो कभी साफ नहीं होगी…” थोड़ा रूककर निष्कर्ष ने कहा “मैं इसलिये नहीं ले जा रहा था तुम्हें कि तुम और ज्यादा इमोशनल हो जाओगी जितना साथ रहोगी उतनी तकलीफ होगी दूर जाने में… पर तुम्हारी जिद है इसलिये ले जा रहा हूं पर तुम्हें समझना पड़ेगा… फोटोग्राफी में तुम्हारी अच्छा फ्यूचर हो सकता है इस पर ध्यान
देना जरूरी है इस वक्त” निष्कर्ष ने कहा
“ओह तो ये बात है आपको लगता है मैं इतनी कमजोर हूं… आप मेरी फिक्र मत करो… मैं ठीक हूं… आपके सामने ही बस ये सब बचपना करती हूं नहीं तो मैं बहुत स्ट्रोंग हूं… उदयपुर इसलिये जाना चाहती हूं क्योंकि एक साल आपसे दूर रहना है तो कुछ अच्छा वक्त साथ में गुजरने का मन है कुछ दिन साथ रहेंगे तो वहां रहना मुश्किल नहीं आसान होगा… इस ट्रिप को जी लेना चाहती हूं आपके साथ… फिर दूर भी रहूंगी तो इसकी यादें साथ होगी… मुझे
इमोशनल बोलते हो और खुद इतना कुछ सोच रहे थे… अब कुछ नहीं बस ये बताओ हम कब जा रहे हैं आप मुझे खुश देखना चाहते हो तो मैं ऐसे ही खुश हूं” काश्वी ने कहा
“चलो फिर पैकिंग कर लो कल दोपहर 2 बजे की फ्लाइट है डेढ़ घंटे में उदयपुर पहुंच जाएंगे… मैंने नानाजी से बात कर ली है”
“अरे वाह… सच में हम जा रहे हैं” काश्वी ने खुश होकर कहा
“जाना ही पड़ेगा तुम्हारी जिद पूरी करनी ही पड़ेगी” निष्कर्ष ने भी मुस्कुराते हुए कहा
अगले दिन दोनों उदयपुर के लिये निकल गये… फ्लाइट में काश्वी ने निष्कर्ष से पूछा “आपने
पापा को बताया आप उदयपुर जा रहे हो?”
“नहीं… क्यों?” निष्कर्ष ने पूछा
“बात करते हो आप उनसे या अब भी बस कभी – कभी?” इतना कहकर काश्वी रूक गई
“बस ऐसे ही काश्वी… ज्यादा बात कर नहीं पाता और वो भी कुछ ज्यादा पूछते नहीं तो सब चल रहा है ऐसे ही…
और वैसे भी वो वापस चले गये है कैलीफोर्निया… तुम्हें वही पढ़ाएगे वहां… तुम मिलना उनसे वहां” निष्कर्ष
ने कहा
“क्या कुछ हो नहीं सकता… आपने वो फोटोग्राफ देखी थी न… जो मेरे फॉर्म के साथ थी… वो
उन्होंने ही ली थी और मुझे देते हुए कहा भी कि निष्कर्ष को बहुत दिन बाद खुश देखकर अच्छा लगा… वो
भी आपको मिस करते हैं जैसे आप उन्हें… फिर क्यों इतना दूरी है इसे कम करना चाहिए ना… किसी
को तो पहल करनी चाहिए” काश्वी ने कहा
निष्कर्ष मुस्कुराया और कहा “पहल करने के लिये तुम हो ना… मुझे पता है तुम्हारी एक असाइनमेंट ये भी है और हर असाइनमेंट की तरह तुम इसे भी पूरा करके ही मानोगी”
“हां ये तो है… पर आपको कोई प्रोबलम तो नहीं ना इससे?” काश्वी ने पूछा
“मुझे कुछ करने को फोर्स मत करना फिर कोई प्रोबलम नहीं” निष्कर्ष ने कहा
“निष्कर्ष मुझे पता है और मैं जबरदस्ती कभी आपको कुछ करने को या उनसे बात करने को नहीं कहूंगी लेकिन अगर आपको कभी भी ठीक लगे तो पीछे मत हटना…बात जरूर करना और कुछ नहीं तो जो टाइम आपने उनके साथ अच्छा गुजारा उसे याद कर लेना” काश्वी ने कहा
“हां ठीक है पर तुम वहां अपना ख्याल रखना… सब नया होगा तो थोड़ा ध्यान रखना” निष्कर्ष ने कहा
“अरे आप मेरी फिक्र मत करो… मैं संभाल लूंगी बस आप बात करते रहने… अभी ये बताओ उदयपुर में हम कहां जाएंगे,,,काश्वी ने पूछा
“एक घंटे में पहुंचेगे एयरपोर्ट फिर नानाजी के घर जांएगे वहीं रहेंगे और मां की जो चीजें वहां रखी है वो लेकर आनी है फिर तुम्हें उदयपुर घुमा दूंगा ओके” निष्कर्ष ने कहा
“हां ये अच्छा प्लान है… मेरा कैमरा तैयार है” काश्वी ने कहा