रांची : रविवार को यहांबरातियों से भरी एक बस पलट गई. इस हादसे में मौके पर ही सात लोगों की मौत हो गई. वहीं, एक ने इलाज के दौरान देर रात दम तोड़ दिया. हादसे में 65 लोग घायल हुए हैं. इनमें से आधा दर्जन लोग गंभीर रूप से जख्मी हैं. घायलों के मुताबिक बस ड्राइवर ने शराब पी रखी थी और खलासी गाड़ी चला रहा था.
तेल बचाने के लालच में सात लोगों की जान ले ली
रांची नगड़ी के दुकानदार भगत उरांव की बारात पतरातू के गेगदा गांव जा रही थी. 53 सीट की बस में 135 लदे थे. आधे तो छत पर. दोपहर 2:40 बजे बारात गांव से चली. पिठौरिया चेकपोस्ट के पास ड्राइवर ने बस खलासी को पकड़ा दी. ड्राइवर पीकर आया था. कुछ आगे पतरातू घाटी की ढलान शुरू हुई. खलासी ने डीजल बचाने के चक्कर में इंजन बंद कर बस को न्यूट्रल में डाल दिया दिया. कुछ दूर जाते ही बस ने रफ्तार पकड़ ली. मोड़ पर रोकने की कोशिश की तो ब्रेक नहीं लगा. बस रेलिंग से टकराकर पलट गई. सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. 65 लोग घायल हुए. बस पलटते ही छत पर बैठे लोग इधर-उधर बिखर गए. मृतकों में छह छत पर बैठे थे. सबसे ज्यादा घायल भी छत पर बैठने वाले ही हुए. छह मृतक स्कूली बच्चे थे. शवों का अंतिम संस्कार सोमवार को होगा.
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने संवेदना व्यक्त करते हुए मृतकों के आश्रितों को एक-एक लाख रुपए और घायलों को 20-20 हजार रुपए की मदद दी है.
पहचान के लिए घायलों के शरीर पर पर्ची
रिम्सके इमरजेंसी में कोहराम मचा था. खचाखच भरे इमरजेंसी में खून से लथपथ घायल जहां-तहां पड़े थे. किसी का इलाज बेड पर हो रहा था, तो किसी का फर्श पर। दर्द से कराहते घायलों को देख वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम थीं. इस घटना में करीब छह महीने का बच्चा भी घायल है. वह अपनी मां के साथ थी. लेकिन, बाल-बाल बच निकली. घटना स्थल से रिम्स आने के बाद डॉक्टरों ने घायलों के शरीर पर ही नाम लिखी पट्टी चिपका दी, ताकि पहचान में दिक्कत हो.
12 एंबुलेस बुलाए गए.....
बारात गांव से निकली. स्कूल बस (जेएच02-2337) खचाखच भरी थी. बस में बच्चे, युवा, बूढ़े और महिलाएं सभी थे. ड्राइवर नशे में था. पिठौरिया थाना के पास चेकिंग चल रही थी. यह देख ड्राइवर ने खलासी को बस थमा दी. पतरातू घाटी में ऊंचाई पर पहुंचे. ढलान शुरू हुआ तो खलासी ने इंजन बंद कर दिया. न्यूट्रल में डालकर बस चलाने लगे. हमलोग कहते रहे, न्यूट्रल में मत चलाओ. लेकिन उसने अनसुना कर दिया. कुछ ही दूर चले थे कि बस अनियंत्रित हो गई. मोड़ पर रेलिंग से टकराकर पलट गई. हर तरफ चीख-पुकार और अफरा-तफरी का आलम था. लोग एक-दूसरे को संभालने में लगे थे. थोड़ी देर बार पुलिस पहुंची. 12 एंबुलेंस बुलाए गए. एंबुलेंस के पहुंचने से पहले ही पुलिस ने एक ट्रक को रोका. गंभीर रूप से घायल करीब 20 लोगों को उसमें रिम्स भेजा. अन्य को एंबुलेंस और निजी गाड़ियों से अस्पताल पहुंचाया गया. घटना की जानकारी मिलते ही के परिजन और ग्रामीण भी वहां पहुंच गए. लेकिन तब तक घायलों को रिम्स भेजा जा चुका था. इसके बाद लोग रिम्स चले गए. मैं बस में बीच में बैठा था, इसलिए ज्यादा चोटें नहीं आई.
बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के ही दौड़ रही थी बस
बस हजारीबाग के अरशद परवेज के नाम पर है. इस पर स्कूल बस तो लिखा है, पर स्कूल का नाम नहीं. आगे नंबर भी नहीं है. बस बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के ही दौड़ रही थी. बारात के लिए टेंपररी परमिट भी नहीं लिया था. एमवीआई मुकेश कुमार ने बताया कि फिटनेस 2009 तक का ही है. वहीं जब अरशद परवेज से बात की तो उन्होंने कहा, दो माह पहले बेरमो के अशोक सिंह को बेच दिया था. बेचने से पहले अशोक सिंह से एग्रीमेंट किया था. उसकी कॉपी मेरे पास है. रजिस्ट्रेशन बदलवाना खरीदार का काम है.