
नई दिल्लीः नौकरशाह(ब्यूरोक्रेट) जब संवेदनशीलता दिखाते है तो हर तरफ से सराहना के स्वर गूंजने लगते हैं। अब धर्मनगरी वाराणसी के डीएम योगेश्वर राम मिश्रा को ही लीजिए। मातहतों के साथ शहर की रियलिटी चेक करने निकले थे, रास्ते में दो सीनियर सिटिजन मियां-बीवी को सड़क एक्सीडेंट में घायल होकर तड़पते देखा। अपने सरकारी वाहन से दोनों को तत्काल अस्पताल भेजा और फिर कोई दूसरी गाड़ी न बुलाकर खुद रिक्शे से दफ्तर पहुंचे। एक आईएएस अफसर और बड़े जिले के डीएम के इस कदम की सराहना करते लोग नहीं थक रहे हैं।
सीएमओ से कहा मुफ्त और बेहतर इलाज में कोई चूक नहीं
दरअसल डीएम योगेश्वर राम मिश्र दीवाली के मद्देनजर शहर का सूरतेहाल देखने निकले थे। दशाश्वमेघ घाट की ओर से रथ यात्रा मार्ग से लौट रहे थे। अचानक नजर सड़क किनारे घायल होकर तड़पते एक वृद्ध दंपती पर पड़ी। पास में स्कूटर गिरा पड़ा था। जिससे लग रहा था कि एक्सीडेंट में दंपती घायल हुए हैं। आसपास से बहुत से लोग गुजर रहे थे मगर वृद्ध की मदद कर अस्पताल भेजने की किसी ने जरूरत नहीं समझी। डीएम ने फोन से पुलिस को सूचना देने की फार्मेल्टी पूरी कर खुद दनदनाते निकल जाने की जगह तुरंत नीली बत्ती की अपनी कार रुकवा दी। दंपती को गाड़ी में बैठवाया। इसके बाद स्टेनो और गार्ड से तुंरत अस्पताल लेजाकर भर्ती कराने को कहा। फिर इ सीएमओ को फोन कर कहा कि मैं बुजुर्ग दंपती को भेज रहा हूं। अस्पताल मुफ्त और बेहतर इलाज होना चाहिए। किसी भी तरह की लापरवाही हुई तो खैर नहीं। घायल वृद्ध दंपती घनश्याम केसरी(58) व उनकी पत्नी तिलोतमा(55) की हालत गंभीर बताई जाती है। इसके बाद डीएम योगेश्वर सड़क से जा रहे रिक्शे को खुद
रुकवाए और दफ्तर पहुंचे।
कैसे हुआ एक्सीडेंट
दरअसल घनश्याम केसरी स्कूटर से पत्नी के साथ बाजार में खरीदारी करने निकले थे। अचाकन रथयात्रा मार्ग पर चक्कर आ गया। जिससे गाड़ी से दोनों गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए। चिकित्सकों के मुताबिक अगर डीएम ने समय रहते भर्ती ने कराया होता तो जान भी जा सकती थी।
मैने सिर्फ ड्यूटी पूरी की, हर आदमी घायलों की करे मदद
डीएम योगेश्वर ने कहा कि मैने कोई नजीर पेश नहीं की, बल्कि घायल की मदद की। हर आदमी को घायल की मदद करनी चाहिए। कोई भी सड़क पर परेशान हाल में मिले तो उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती कराकर मानव धर्म निभाएं। इसमें बहुत खुशी मिलती है।