नई दिल्लीः कैलिफोर्निया की स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी में कभी दो युवा पढ़ते थे। एक की उम्र 22 साल तो दूसरे की 23 साल की थी। नाम था सर्जी ब्रिन और लैरी पेज। एक दिन बैठे-बैठे उनके दिमाग में एक सर्च इंजन बनाने का ख्याल आया। ऐसा सर्च इंजन जिस पर कोई भी सूचना एक क्लिक करते ही उपलब्ध हो जाए। 27 सितंबर 1998 में दोनों युवाओं ने गूगल नामक सर्ज इंजन खोज निकाला। गूगल ने अपने जन्म दिन पर होमपेड एनिमेटेड गूगल लगाया है। खास बात है कि गूगल की स्थापना यूं तो चार सितंबर को हुई थी मगर बाद में गूगल ने अपना बर्थ डेट बदलकर 27 सितंबर कर लिया। गूगल के मौजूदा सीईओ भारतीय मूल के सुंदर पिचाई हैं।
कार गैराज में खुली थी पहली ऑफिस
आपको जानकर हैरानी होगी कि जब दोनों छात्रों ने गूगल की खोज की तो कैलिफोर्निया के एक छोटे से गैराज में इसकी ऑफिस बनाई। यहीं से गूगल के बाल्यकाल की शुरूआत हुई। देखते ही देखते दो साल के भीतर गूगल पूरी दुनिया में मशहूर हो गया। इसी के साथ इंटरनेट की दुनिया में मानो क्रांति आ गई। आज हालत यह है कि गूगल की दुनिया के कई देशों में शानदार दफ्तर हैं तो 2015 की रिपोर्ट के मुताबिक साल की दूसरी तिमाही में गूगल की कुल कमाई 17.3 मुंबई बिलियन डॉलर यानी करीब 109284.1 करोड़ रुपये कमाई हुई।
मिलिए उन दो छात्रों से जिन्होंने कॉलेज के दिनों में बनाया था गूगल, आज हर मिनट इतने रुपये कमाता है गूगल
कैसे होती है गूगल की कमाई
गूगल की कुल कमाई का 97 प्रतिशत हिस्सा विज्ञापनों से आता है। विज्ञापनों पर क्लिक के एवज में गूगल कंपनियों से 97 पैसे से लेकर 6686 रुपये तक वसूल करता है। Gizmodo Australia नामर वेबसाइट के मुताबिक, साल 2014 में हर मिनट गूगल ने 149,288 डॉलर (लगभग- 99 लाख रुपए) की कमाई की। जिसमें से प्रॉफिट 23509 डॉलर (लगभग 15 लाख रुपए) हुई। यानी हमारे सामने जो जानकारियां पलक झपकते ही आती हैं, गूगल उनके बदले में संबंधित कंपनियों से पैसा वसूल करता है।
गूगल ने इन नामी कंपनियों को खरीदा
गूगल की ओर से खरीदी सबसे प्रमुख कंपनी एंड्रायड है। 2005 में गूगल ने इसे 50 मिलियन डॉसर में खरीदा। 80 प्रतिशत से ज्यादा स्मार्टफोन्स आज एंड्रायड पर ही चलते हैं। आगे चलकर गूगल ने दूसरे सबसे बड़े सर्च इंजन यूट्यूब को 2006 में 1.65 बिलियन डॉलर में खरीदा। गूगल ने मैक्सिको की सोलर पावर वाले ड्रोन बनाने वाली टाइटन एयरोस्पेस, अमेरिका की मोबाइल रिसर्च रोबोट्स बनाने वाली बोस्टन डाइनैमिक्स को खरीदा। इसके बाद गूगल ने डीप माइंड नामक कंपनी खरीदा जो कि मशीनों को इंसानी दिमाग देने जैसा काम करती हैं। 2011 में गूगल ने मोटोरोला को 12.5 बिलियन डॉलर में खरीदा। गूगल बेंगलुरु में ऑफिस वाले इंडियन स्टार्टअप सिक्योरिटी फर्म इम्पेरियम को भी नौ मिलियन में खरीद चुका है। यह स्टार्टअप इंटरनेड पर फ्राड से बचाता है।
फोटो-गूगल सीईओ-सुंदर पिचाई
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