नई दिल्ली : बिहार में सुशासन बाबू नीतीश कुमार का शराब बंदी को लेकर जारी किया गया आदेश अब बेअसर साबित होता दिखाई दे रहा है. एक तरफ जहां सीएम अपना तुगलगी फरमान पूर्ण रूप से सूबे में लागू करने का मन बना चुके हैं वहीँ राज्य की जनता उनके आदेश को ठेंगा दिखा कर उनकी यह खिल्ली उड़ा रही है कि हमका पीनी है, पीनी है. हमका पीनी है.
जहरीली शराब पीने से 13 मरे
गौरतलब है कि बिहार के गोपालपुर में मंगलवार को एक दर्जन से अधिक लोगों कि जहरीली शराब पीने से मौत हो गयी. इस जिले में पिछले 12 घंटे में करीब 13 लोगों की रहस्यमय तरीके से अब तक मौत हो चुकी है. बताया जा रहा है कि मरने वाले व्यक्तियों ने नकली शराब का सेवन कर रखा था. जिन लोगों कि मौत हुई है उनमें से अधिकांश लोग सब्जी बेचने और मजदूरी करते थे. मृतकों के परिजनों ने दावा किया कि मौत का कारण जहरीली शराब पीना है. अगर परिजनों का दावा सही है तो शराब बंदी के बाद अवैध शराब से जुड़ा ये सबसे बड़ा कांड है.
जाँच के लिए तीन टीमें गठित
गोपालगंज जिले के जिलाधिकारी राहुल कुमार ने अभी तक सिर्फ 10 लोगों की मौत की पुष्टी की है. राहुल कुमार ने कहा कि मौत की असल वजह जानने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार करना होगा. मामले की जांच के लिए जिला प्रशासन ने तीन टीमों का गठन किया है। मरने वालों के ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि मंगलवार सुबस से ही इन लोगों के पेट में तेज दर्द हुआ था और उल्टियां होने लगी थीं, जिसके बाद उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया लेकिन इलाज के दौरान इनकी मौत हो गई. अकेले नोनिया टोली इलाके में ही 7 लोग मरे हैं.
बढ़ सकती है नीतीश की परेशानियां
बिहार में अप्रैल माह में शराब पर लगाए गए बैन के बाद जहरीली शराब के कारण हुई मौत का यह पहला मामला है. गोपालगंज में हुई इस घटना से नीतीश कुमार सरकार के लिए परेशानियां खड़ी हो सकती हैं. दरअसल सरकार ने दावा किया था कि उन्होंने शराब के निमार्ण और बिक्री को पूरी तरह बंद कर दिया है, ऐसे में शराब से हुई मौत सरकार के दावों पर सवाल खड़े करती है. हालांकि प्रशासन इसे जहरीली शराब कांड मानने से इनकार कर रहा है. गौरतलब है कि गोपालगंज राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव का ग्रह जनपद भी है.