गोवा : केंद्र सरकार द्वारा कालेधन के खिलाफ नोटबंदी के जरिये चलाये रहे अभियान ने गोवा में राजनीति क हलचल मैच दी है। दरअसल गोवा में एक चर्च के प्रधान पादरी को इनकम टैक्स विभाग ने एक नोटिस देकर चर्च की सम्पति और नगदी से सम्बंधित जानकारियां देने को कहा था। गोवा विधानसभा में इस यह मुद्दा चुनावों से पहले गरमाने लगा है।
साल 2017 में गोवा में विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे कैथोलिक विधायकों का कहना है कि बीजेपी गोवा में धार्मिक अजेंडा चला रही है। 8 नवम्बर को नोटबंदी का फैसला लिया था और संयोग से आईटी विभाग ने उसी दिन चर्च को नोटिस भेज था। राज्य में विपक्ष ने आरोप लगाया है कि यहाँ अल्पसंख्यक संस्थानों को लेकर बीजेपी का पक्षपातपूर्ण रवैया है। आयकर विभाग चर्च के कैश की जानकारी चाहता था।
विपक्षी विधायकों का कहना है कि गोवा में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अल्पसंख्यकों को सेलेक्टिव टारगेट कर हिन्दुत्व का अजेंडा चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी कैथोलिक विधायकों को इसपर बीजेपी के खिलाफ सामने आना चाहिए। विधायकों का कहना है कि यह धर्म पर हमला है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट सिर्फ चर्च को निशाना क्यों बनाया जा रहा है जबकि बड़े बड़े मंदिरों में बड़ी मात्रा में संपतियां हैं। उन्होंने सवाल किया अभी तक क्या किसी मंदिर को इनकम विभाग ने नोटिस भेज है।