जूनागढ़ : 1991 से संघर्ष कर रहे दलित ने गुजरात के जूनागढ़ में कलेक्टर कार्यालय के बाहर जहर पी लिया. घटना बाद में उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया. उनकी पहचान परबत भाई परमार (52), चंदूभाई उकाभाई परमार (39) और जिग्नेश भाई राणाभाई राठौड़ (25) के तौर पर हुई है.
13 अक्टूबर से अनशन कर रहे दलितों की मांग है कि उनके गांव से गौचर भूमि से अतिक्रमण हटाया जाए. दरअसल गुजरात के जुनागढ के सांढा गाँव मे कई साल पहले सरकार से दलितों को मिली हुई जमीन पर गाँव के दलित लोग खेती कर रहे थे. लेकिन उसी गाँव के सवर्ण लोगों को ये पसंद नहीं था. इसलिए वो गाँव के दलितों को गांव से ही बाहर निकाल दिया.
सांढा दलित संघर्ष समिति के जिग्नेश मारू और अनशनकारी डायाभाई राठौड ने बताया कि सात दिनों से लगातार अनशन किया जा रहा है. प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. केवल आश्वासन ही मिला. इसलिए तीन दलितों ने जहर पी लिया. परबत भाई के जहर पी लेने के एक घंटे बाद ही जिग्नेश भाई राणाभाई राठौड़ और चंदूभाई उकाभाई परमार ने भी अनशन स्थल पर जहर पी लिया.
इन तीन युवकों मे से परबतभाई पुन्जाभाई परमार की हालत ज्यादा बिगड़ने की वजह से परबतभाई की मुत्यु हो गई. पीड़ितों के परिवारों ने बताया कि जब तक हमारी मांगे पूरी नही होती तब तक हम आंदोलन नही छोडेंगे. जब तक हमारी साँस है तब तक हम आंदोलन जारी रखेंगे. जबकि दो अन्य युवको की हालत भी गंभीर है.
जूनागढ़ सी-डिवीजन पुलिस स्टेशन के एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ''तीनों जूनागढ़ जिले के मंगरोल तहसील के सांडा गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने जमीन मसले को तुरंत सुलझाने की मांग की और जहर पी लिया.''
राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के बैनर तले इस प्रदर्शन का आयोजन किया गया था. मंच से जुड़े सुबोध परमार ने कहा, ''हमने अपनी योजना के मुताबिक प्रदर्शन किया, क्योंकि सरकार ने हमारी मांगें पूरी नहीं की. हमने एक घंटे से ज्यादा समय तक सड़क जाम रखा.''