गुजरात : विकलांगों को दिव्यांग बताने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लाखों अक्षम लोगो के लिए ढेरों योजनाओं का ऐलान किया. लेकिन हकीकत यह है कि खुद मोदी के गुजरात में विकलांगों की स्थिती सबसे ज्यादा खराब है.
देश के बांकी राज्यों की तरह गुजरात ऐसा राज्य है जहां दिव्यागों को आर्थिक मदत देने के लिए राज्य सरकार के पास कोई सक्षम विभाग नही है. आज भी दिव्यागों को गुजरात मे बैसाखी से लेकर व्हील चेयर पाने के लिए आर्थिक मदद के लिए दूसरे विभागों मे चक्कर काटने पड़ते है. महाराष्ट्र, हिमाचल और राजस्थान केरल जैसे तमाम राज्यों मे आर्थिक मदद बांटने के लिए राज्य सरकार ने स्वतंत्र निगम स्थापित किये है. लेकिन गुजरात मे यह पैसा विकलांग विभाग से न मिलकर Gujarat Minorities Finance and Development Corporation Limited (GMFDC) से वितरित होता है.
सूत्रों ने बताया कि (GMFDC) का मुख्य काम छोटे-मोटे मुस्लिम व्यापार ियों की मदद करना है लेकिन इस निगम को विकलांगों को भी आर्थिक मदद बांटने का काम दे दिया गया है. लिहाजा स्टाफ कम होने की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी यहां विकलांग लोगो को होती है. जिन्हे छोटी-मोटी आर्थिक मदत के लिए महीनो चक्कर काटने पड़ते है.
मिशाल के तौर पर पैर से विकलांग 51 वर्षीय दर्शिता शाह प्रधानमंत्री के दिव्यांगों पर भाषण सुनकर इतना प्रभावित हुई कि वो कर्जा लेने के लिए (GMFDC) पहुच गई. साल भर बाद भी दर्शिता की फाइल (GMFDC) की मेज पर चक्कर काट रही है और दर्शिता को अबतक आश्वासन के अलावा कोई सहायता नही मिली.
सरकारी नियमों के मुताबिक 40% से ज्यदा शारीरिक रूप से अछम व्यकित को सस्ता कर्जा पाने का अधिकार है. दर्शिता शाह जैसे कई ऐसे विकलांग (GMFDC) के दफ्तर पर देखे गये जो अपने अधिकारों के लिए महीनो से इस दफ्तर के चक्कर काट रहे है. लेकिन अब तक उन्हे राज्य सरकार से कोई सहायता नही मिली.
GMFDC के सोशल डेवलपमेंट ऑफिसर एम ए पठान ने मीडिया को बातया कि मौजूदा समय मे सिर्फ एक जूनियर क्लिर्क के जिम्में लोन बांटने का काम चल रहा है काम का बोझ ज्यादा है. इसलिए माइनोरिटी से जुड़े कामो से ही फुरसत नही मिल पाती तो विकलांगों का काम कैसे देखे. हद तो यह है कि (GMFDC) ने फिलहाल मैनेजिग डायरेक्टर भी नही है.
43 साल के रोहित पटेल का कहना है कि विकलांगों को यहा कोई भी मदद पाने मे बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ता है. बेहतर होता अगर मोदी जी के कहने पर गुजरात सरकार बांकी राज्यों की तरह हम लोगो के लिए भी हैन्डीकैप कारपोरेशन निगम स्थापित कर देते तो हमे भी सहायता मिलती रोहित पटेल की अहमदाबाद मे पान की दुकान है.