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भागवत क्या है

10 अप्रैल 2022

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श्री गणेशाय नमः 🙏🏼🙏🏼🙏🏼

सच्चिदानंद रूपाय विश्वपात्यादिक हेतवे
तापत्रय विनाशाय श्री कृष्णाय वयं नमः।

1..
श्रीमद्भागवत नौका है, चलाने वाले सुखदेव जी, हम सब बैठने वाले ...सोने पर भी पार हो जाएंगे सुनने पर हृदय मेंभगवान प्रवेश करते हैं।
2..
ईश्वर के मुख से निकली ज्ञान गंगा को ही भागवत कहते हैं।
3..
आग में गर्मी किसने डाली? जल में शीतलता किसने डाली? वायु को बहना किसने सिखाया? मिट्टी का ढेला पानी में घुल जाता है किंतु धरती पानी में नहीं घुलती, धरती में धारणत्व कहां से आया? ऐसे  प्रश्नों का उत्तर ही भागवत है ।अन्य पुराणों में धर्म का वर्णन है और भागवत में परम धर्म का वह धर्म जिससे संसार चलता है। धर्म के कारण ही मनुष्य है माता का धर्म, पिता का धर्म, मित्र का धर्म ,परम धर्म ,भागवत में कपट रहित धर्म का वर्णन है, इसे ही परम धर्म कहते हैं।
4..
भागवत पुराण सुनने के बाद किसी पुराण को सुनने की आवश्यकता नहीं रहती। कथा सुनने में शांति मिलती है और भागवत सुनने में महा शांति मिलती है। श्रीमद्भागवत सभी वेदों का फल है भागवत कथा दिन प्रतिदिन नयी  लगती है यही भागवत की विशेषता है।
5..
जीवन पर्यंत भागवत सुनते रहना चाहिए क्योंकि भागवत सुनाने वाले ने ठीक से सुनाया या  नहीं हमने ठीक से सुना या नहीं इसलिए भगवान की कृपा न जाने कब हो जाए और कब परीक्षित की तरह हमें भी मोक्ष मिल जाए।
6..
भागवत की चर्चा संत महापुरुषों से चर्चा करने से, चिंतन करने से भगवान का काम करने से, उनके भक्तों की चर्चा जरूर करनी चाहिए।
7..
भगवान सदा सबको सुख ही देते हैं क्योंकि वह सच्चिदानंद रूपाय हैं ।उनके दर्शन से ही कष्ट दूर होता है। हम अपने कर्म से कष्ट पाते हैं। हे प्रभु आपने अपने आनंद में हमें अपना आनंद दिया हम अपने कर्मों से कष्ट पाते हैं हम आपको नमस्कार करते हैं ।भागवत की बातें अपने जीवन में लाने पर ही आनंद मिलता है भागवत के पहले श्लोक में भगवान मार्गदर्शन करते हैं। भगवान ने सब को जन्म दिया सब का पालन करते हैं सबको अपने में ही संमा  लेते हैं भगवान के दरबार में हमेशा झोली फैलाए रहना किसकी झोली में कब उनकी कृपा बरसे पता नहीं चलता संसार में लाखों धर्म हैं परंतु एक ही परमात्मा ने सबको बनाया है।
8..
जो आज भी अपने नहीं है कल भी अपने नहीं थे और ना कल अपने रहेंगे उन्हें हम अपना कहते हैं और जो सदैव अपने साथ रहता है उन्हें पर कहते हैं। आप अपनी और मत देखो मैं कैसा हूं भगवान की ओर देखो भगवान कैसे हैं जब तक भगवान अंदर से कृपा नहीं करते भागवत समझ में नहीं आती ।भगवान ही अपने कृपा से अज्ञान समाप्त करते हैं।
9..
जिस घर में गाय पाली जाती है उस घर में कीर्तन ना भी हो तो कोई बात नहीं भगवान तो पधारतें ही हैं गौ सेवा करने वाला कोई साधना ना भी करे तो भी कृष्ण कृपा पाता है गाय के बिना भक्ति सफल नहीं होती।
10..
हरि नाम संकीर्तन से ईश्वर की प्राप्ति होती है सतयुग में तपस्या से ,त्रेता युग में पवित्रता से ,द्वापर में दया दान से, कलयुग में सत्य से अपने कमाए हुए धन के 10% सत्कर्म में खर्च करना चाहिए जोधन सत्कर्म में नहीं लगता उस दिन में कलयुग का वास होता है


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रचनाएँ
श्रीमद्भागवत सार तत्व
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आज रामनवमी के दिन मैं स्वाध्याय से संकलित श्रीमद्भागवत के सारतत्व को निजबुद्धि अनुसार पुस्तक के रूप में संकलित करने जा रही हूँ । जिसमें भागवत मे निहित  कुछ ज्ञान तत्व और कुछ कथाएं सम्मिलित होंगी आशा है आप सभी को मेरा यह संकलन अवश्य पसंद आएगा तो आज चलते हैं आध्यात्मिकता की ओर। जय श्री राधे राधे🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻💐💐💐

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