जयपुरः सूबे के शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी को एक याचिका पर हाईकोर्ट ने आड़े हाथों ले लिया। मामला उनके नाम के आगे प्रोफेसर लगाने को लेकर शुरू हुआ है। इसे लेकर अजमेर निवासी लोकेश शर्मा ने एक याचिका हाईकोर्ट में लगा दी है।याचिका में कहा गया है कि प्रोफेसर शब्द का उपयोग केवल प्रोफेसर पद वाले व्यक्ति ही कर सकतें हैं। जबकि प्रदेश के शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी में न तो प्रोफेसर की योग्यता है न ही वो कभी कहीं प्रोफेसर रहे हैं।
क्या कहा कोर्ट ने
इस मामले में सुनवायी करते हुए जस्टिस मनीष भण्डारी की खंडपीठ ने नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि राज्य के शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी अपने नाम के आगे प्रोफेसर क्यों लगाते हैं? हाईकोर्ट ने इस मामले में वासुदेव देवनानी के साथ-साथ मुख्य सचिव को भी नोटिस देकर जवाब तलब किया है। सरकार को इस मामले में चार सप्ताह में जवाब देना हैं। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि सरकारी पोर्टल भी उन्हें प्रोफेसर ही दिखा रहा है। जबकि देवनानी केवल स्नातक हैं। देवनानी ने अपने सरकारी निवास के बाहर भी नेमप्लेट पर नाम के आगे प्रोफेसर लगा रखा है।