देहरादून: देवभूमि उत्तराखण्ड के रुद्रपुर स्थित जिला न्यायालय के पोक्सो फास्ट ट्रैक कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला दिया। कोर्ट ने बलात्कार के आरोपी को दोषी करार देते हुए फांसी की सज़ा सुनाई है। एडीजे पाक्सो नीलम रात्रा ने ये फ़ैसला सुनाया है। जिसके बाद हर ओर इस फ़ैसले की चर्चा हो रही है। जहां एक इलेक्ट्रिशियन करनदीप शर्मा ने 8 साल की लड़की का बालात्कार कर उसे मौत के घाट उतार दिया था।
दरअसल, काशीपुर कोतवाली क्षेत्र के टांडा उज्जैन निवासी एक 8 साल की लड़की मोहल्ले में ही चल रहे एक देवी जागरण में गई थी। बीती 25-26 जून की रात को जागरण में इलेक्ट्रीशियन का कार्य करने आए मूल रूप से बिजनौर निवासी करनदीप शर्मा बच्ची को झांसा देकर अपने साथ खेत में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। बच्ची के चीखने चिल्लाने पर उसने गला घोंटकर उसे मौत के घाट उतार दिया।
बच्ची की हत्या कर के हत्यारा करनदीप फिर से जागरण में शामिल हो गया। बालिका के गायब होने पर जब परिवार के लोगों ने उसे तलाशा तो अगले दिन खेत में बालिका का शव मिला। परिवारजनों ने घटना की रिपोर्ट धारा 363 366, 376 (2), 302 के तहत दर्ज कराई। पुलिस ने जांच पड़ताल की तो वीडियो फुटेज के जरिए पुलिस करनदीप शर्मा तक पहुंची। 28 जून को ही करनदीप को मुखबिर की सूचना पर बाली पेट्रोल पंप से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। मुकदमा फास्ट ट्रैक/ एडीजे पाक्सो नीलम रात्रा की कोर्ट में चला। अभियोजन पक्ष की पैरवी करते हुए सहायक शासकीय अधिवक्ता उमेश नाथ पांडे और दीपक अरोरा ने 15 गवाह पेश करके आरोप सिद्ध कर दिया। एडीजे ने दोषी को सजा-ए-मौत की सजा सुनाई।