देहरादून: हाई कोर्ट ने केदारनाथ आपदा के बाद नर कंकाल का रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार नहीं करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर अहम आदेश दिया है। जस्टिस राजीव शर्मा और जस्टिस आलोक सिंह की खंडपीठ ने अपने आदेश में सरकार को आपदा प्रभावित नाबालिग बच्चों के खाते में हर महीने 7500 रुपये खाते जमा करने के आदेश दिए हैं। यह याचिका दिल्ली निवासी अजय गौतम ने दायर की थी।
दरअसल इस पूरे मामले में रुद्रप्रयाग के अजेंद्र अजय समेत तीन जनहित याचिकाएं दायर की गई है। कोर्ट ने सन 2013 की केदारनाथ आपदा के दौरान मारे गए लोंगों के परिजनों को मुआवज़े को 50 प्रतिशत बढ़ाने, लावारिस शवों को रीति रिवाज से दाह संस्कार कराने, एसएसपी स्तर के अधिकारियों की पांच विशेष जांच टीमें बनाकर लावारिस शव तलाशने व उनका डीएनए सेंपल लेकर जांच करने के आदेश दिए हैं।
याचिकाकर्ता अजय गौतम ने कहा था कि केदारनाथ में आई आपदा में 3500 लोगों की गुमशुदगी दिखाई गई थी, जबकी सरकार द्वारा अबतक केवल 450 लोगों के शव ही खोज सकी है।