नई दिल्ली: गुरुग्राम के विकास के लिए सेक्टर वासियों से वसूल किए गए एक्सटर्नल डेवलपमेंट चार्ज (ईडीसी) और खर्च होने वाली राशि का वार्षिक ब्योरा पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने तलब किया है। हाईकोर्ट ने कहा कि गुरुग्राम की बदहाली के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। वसूली गई 13948.64 करोड़ की राशि का सरकार को हिसाब देना होगा।
1इससे पूर्व सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार और हुडा से पूछा था कि गुडग़ांव को पानी की किल्लत और जाम से होने वाली बदहाली से बचाने के लिए क्या प्रयास किए गए हैं। इसपर सरकार की ओर से स्टेटस रिपोर्ट का हवाला देते हुृए कहा गया कि विभिन्न कार्यों के लिए यह राशि खर्च की गई है और खर्च राशि का ब्योरा मौजूद है। सरकार ने कहा कि सड़क, सीवर, पानी , ठोस कचरा निस्तारण प्लांट आदि पर राशि खर्च की जाती है।
सरकार ने कोर्ट को बताया कि गुडगांव प्रदेश का एक महत्वपूर्ण आर्थिक शहर है इस लिए सरकार की कोशिश है कि इस शहर में हर तरह की आधार भूत सुविधा उपलब्ध हो। इसपर हाईकोर्ट ने असंतुष्टि जताते हुए कहा कि इस प्रकार नहीं बल्कि हर साल कितना पैसा ईडीसी के रूप में जोड़ा गया और कितना खर्च हुआ के साथ ही किस कार्य पर खर्च हुआ यह ब्योरा भी अगली सुनवाई पर सौंपा जाए।
साथ ही हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को यह भी बताने का आदेश दिया है कि 28 जुलाई व 30 जुलाई की पानी के कारण लगने वाले जाम के बाद सरकार ने गुडगांव को इस तरह की समस्या से बचाने के लिए क्या कदम उठाए हैं? कोर्ट ने अफसरशाही पर सवाल उठाते हुए कहा कि ईडीसी के तौर पर करोड़ों रुपये वसूलने के बावजूद देश का सबसे मशहूर, विकसित और योजनाबद्ध तरीके से बसाए गए शहर का दावा क्यों एक बरसात में धुल गया?