दिल्ली : केन्द्र सरकार संचार मंत्रालय के जरिये BSNL के 65 हजार टॉवर रिलायंस को सौपने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए सब्सिडियरी टॉवर कंपनी गठित कर इसे रिलायंस जियो के हाथों मे सौपने की तैयारी में है. इसके चलते संचार मंत्रालय ने BSNL प्रबंधन को पत्र भी भेजा है जिसमें लिखा है कि BSNL के टॉवर व्यवसाय को अलग कर एक सब्सिडियरी टॉवर कंपनी बनाया जाए.
एक दैनिक अखबार मे छपी खबर के मुताबिक केंद्र सरकार के इशारे पर संचार मंत्रालय व्दारा BSNL प्रबंधन को थमाए गए नोटसे में BSNL के सभी एक्सीक्यूटिव एवं नॉन एक्जीक्युटिव कर्मचारियों मे हड़कंप मच गया है.
बता दें इसके बाद BSNL के 14 यूनियनों की गठित फोरम ऑफ BSNL यूनियन्स एसोसिएसन नई दिल्ली ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ बगावत का ढंका बचाते हुए सभी यूनियन्स एसोसिएसन से आंदोलन करने का आह्वान किया है.
जिसके बाद देश भर के तमाम BSNL कर्मचारियों ने कार्यालय के बाहर बैठकर धरना दिया. इसमें बीएसएनएल की सभी यूनियनों के पदाधिकारी शामिल रहे. पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार BSNL की स्वायत्तता बनाए रखने की बजाय दो फाड़ करने की तैयारी में है. BSNL के देशभर में लगभग 65000 मोबाइल टॉवर हैं.
इस दौरान सचिव विमल मल्होत्रा, ऑल इंडिया बीएसएनएल जिला सचिव शैलेंद्र चौहान, बीएसएनएल इम्प्लाइज यूनियन के जिले सिंह, जय सिंह दहिया, जयशंकर, बीएसएनएल मजदूर संघ की पुष्पा शर्मा व हरियाणा सर्कल प्रधान गुलाब सिंह ने सरकार से फैसले को वापस लेने की मांग की. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार फैसला वापस नहीं लेती है तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर विचार किया जाएगा.