नई दिल्ली : नोटबंदी पर संसद की कार्रवाई आगे नही बढ़ पा रही है। सरकार और विपक्ष के बीच संसद में जिस तरह गहमागहमी का माहौल है उसको देखते हुए बीजेपी के अंदर से ही सवाल खड़े होने लगे हैं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष आडवाणी ने इसके लिए विपक्ष के बजाय अपनी ही सरकार को ही जिम्मेदार ठहरा दिया। आडवाणी ने साफ़ शब्दों में कहा ''मैं स्पीकर से कहूँगा सार्वजनिक तौर पर कहूंगा कि वह सदन नही चला रही हैं। मंत्री भी नही चला रहे है, इसके किये सरकार और विपक्ष दोनों जिम्मेदार हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले बीजेपी के एक और वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी भी लोकसभा स्पीकर को असहज कर चुके हैं, जब उन्होंने कहा था कि कार्यवाही की सूची में हिंदी में एक मंत्री का नाम है और अंग्रेजी में दूसरे मंत्री का। उन्होंने व्यवस्था का सवाल उठाते हुए कहा था कि कार्यवाही की सूची में हिंदी में एक मंत्री का नाम है और अंग्रेजी में दूसरे मंत्री का। उन्होंने पूछा था, ‘क्या कोई नई पद्धति शुरू हो गई है?’ इस पर विपक्ष ने तत्काल चुटकी ली थी और स्पीकर से रूलिंग के लिए कहा था।
लाल कृष्ण आडवाणी के बयान पर लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भी जवाब दिया उनके दफ्तर ने कहा कि संसद न चलने का कारण सरकार और विपक्ष का गतिरोध है। स्पीकर के दफ्तर की ओर से कहा गया कि उन्होंने दोनों पक्षों को मनाने के लिए पूरे प्रयास किये। यहाँ तक कि सदन में भी और अपने कक्ष में बुलाकर भी।
बीजेपी के एक और नेता सुब्रमण्यम स्वामी भी सार्वजनकि मंचों पर सरकार की खूब आलोचना करते हुए दिखाई दे रहे हैं। स्वामी ने एक टीवी चैनल की चर्चा में कहा कि सरकार ने नोटबंदी के लिए पूरी तैयारी नही की थी। उन्होंने इशारों-इशारों में कहा कि अगर सरकार मेरे दिए गए सुझाव मान लेती तो सरकार को अभी इतनी फजीहत नही सहनी पड़ती।