नई दिल्लीः कल ही हरियाणा की मनोहर सरकार ने पिछली हुड्डा सरकार का फैसला बदलते हुए गांवों में मुफ्त जलापूर्ति बंद कर दी, लेकिन हरियाणा में लाखों परिवार अभी भी ऐसे हैं, जिन्होंने अभी तक पानी का कनैक्शन नहीं लिया हैं। गांवों में बिना कनेक्शन पानी हासिल कर रहे उपभोक्ता परिवारों की संख्या 30 लाख के आसपास पहुंच गई, जबकि शहरों में यह आंकड़ा 6 लाख परिवारों के नजदीक है।
वसूले जाएंगे पैसे
जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग ने बिना कनैक्शन धारक सामान्य श्रेणी के ग्रामीण उपभोक्ताओं से हाल-फिलहाल 20 रुपये तथा अनुसूचित जाति के ग्रामीण उपभोक्ताओं से 10 रुपये प्रति माह वसूलने का निर्णय लिया है, लेकिन 30 लाख उपभोक्ताओं को सिस्टम में लाने पर भी अब गंभीरता से काम चल पड़ा है। प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में सिर्फ 8 लाख परिवारों के पास पानी के कनेक्शन हैं। बाकी लोग बिना कनेक्शन पानी का इस्तेमाल कर रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में नलों पर टोंटियां नहीं होने के कारण जल की बर्बादी भी खूब हो रही है।
शहरी इलाकों में करीब 10 लाख परिवारों के पास पानी के कनैक्शन हैं। ऐसे उपभोक्ताओं से अभी तक 48 रुपये माहवार बिल वसूल किया जा रहा था, लेकिन हाईकोर्ट के निर्देशों पर सीवरेज का खर्चा जोड़ने के बाद बिल की राशि 120 रुपये माहवार होने वाली है। शहरों में जिन 6 लाख लोगों के पास कनेक्शन नहीं हैं, उन पर भी शिकंजा कसने की तैयारी चल रही है।हरियाणा में पानी की किल्लत है। लोगों को पानी की बर्बादी रोकते हुए जलापूर्ति के कनैक्शन लेने चाहिए। सामाजिक संस्थाओं की भी जिम्मेदारी है कि वह लोगों को कनेक्शन लेने व पानी की बर्बादी रोकने के लिए प्रेरित करें।