पुडुचेरी के राजनीति क हालात दिल्ली जैसे होते जा रहे है. बताया जा रहा है पुडुचेरी में सरकार और उपराज्यपाल के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है. जिसके बाद राज्य सरकार उपराज्यपाल किरण बेदी को हटवाने की योजना बना रही है. इसके लिए वी नारायणसामी सरकार विधानसभा में बाकायदा रिजोल्यूशन लाने की तैयारी कर रही है.
सीएम नारायणसामी ने किरण बेदी पर अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम करने का आरोप लगाया है. नारायणसामी ने कहा कि किरण बेदी उपराज्यपाल पद के योग्य नहीं है. वो राज्य सरकार के विकास कार्यों में भी बाधा डाल रही हैं. सीएम ने कहा कि हमारी सरकार विधानसभा में रिजोल्यूशन लाकर उपराज्यपाल बदलने का कदम उठाएगी.
बता दें कि पुडुचेरी एक केंद्र शासित प्रदेश है. 2016 में वहां विधानसभा चुनाव हुए थे. जिसमें कांग्रेस-डीएमके गठबंधन ने 30 सदस्यीय विधानसभा में 17 सीटें जीत कर बहुमत हासिल किया था. सी नारायणसामी को सीएम बनाया गया था. वहीं मई महीने में ही पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने 23वीं उपराज्यपाल के तौर पर पर कार्यभार संभाला था.
केंद्र की तर्ज पर राजनिवास ने भी पहली बार पेश किया काम का लेख ा-जोखा
पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी ने अपने एक साल के कामकाज का लेखाजोखा पेश किया है. उन्होंने मोदी सरकार के सभी मंत्रालयों के तीन साल के कार्यकाल के कामकाज का ब्यौरा देने की तर्ज पर यह कदम उठाया है.
किरण बेदी की इस पहल के साथ ही किसी निर्वाचित सरकार वाले राज्य में राज्यपाल या उपराज्यपाल के अपने कामकाज का ब्यौरा पेश करने की नई शुरुआत हुई है. हालांकि जानकारों की राय में इस तरह की पहल किसी राज्य में राज्यपाल या उपराज्यपाल द्वारा करने की परंपरा या परिपाटी नहीं है.