नई दिल्ली : उत्तरप्रदेश सरकार ने गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मुकदमे की इजाजत नहीं दी जा सकती। योगी आदित्यनाथ पर भड़काऊं भाषण देने का आरोप था। सरकार ने अदालत में कहा कि योगी आदित्यनाथ के उस कथित भाषण की वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ छेड़छाड़ की गई थी।
2007 में गोरखपुर में हुए दंगों के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मुकदमा चलाने का यह एक मात्र सबूत था। यूपी के चीफ सेक्रटरी राहुल भटनागर ने गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट को बताया कि इस मामले में आदित्यनाथ के कथित भाषण की एक विडियो रिकॉर्डिंग ही मुख्य सबूत थी।
भटनागर ने एक इकनॉमिक टाइम्स से कहा कि 'सीबीआई की फॉरेंसिक लैब ने हमें रिपोर्ट दी है। उस रिपोर्ट में बताया गया है कि उस सीडी में पूरी तरह छेड़छाड़ की गई है। वहीँ न्यूज़ वेबसाइट 'स्क्रॉल' की एक रिपोर्ट की माने तो एक टीवी शो में योगी आदित्यनाथ ने खुद इस इस बात को स्वीकार किया कि उन्होंने यह भाषण दिया था। टीवी शो 'आप की अदालत' में योगी आदित्यनाथ के उस भाषण की वीडियो रिकॉर्डिंग को भी दिखाया गया।
इस भाषण में योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि ''अगर एक हिन्दू का खून बहेगा तो एक हिन्दू के खून के बदले हम आने वाले समय में प्रशाशन से FIR दर्ज़ नहीं कराएँगे बल्कि कम से कम दस ऐसे लोगों की हत्या उससे करवाएंगे जो लोग…अगर हिन्दू घरों और दुकानों में आग लगाता है तो मैं यह नहीं मनाता हूँ कि आपको इन सब कृत्यों करने से कोई रोक सकता है।”
रजत शर्मा : महंत जी पूरे फ्लो में बोल रहे है आप। भगवा वस्त्र पहन के साधु का रूप धारण कर के इस तरह की नफरत की बात करना ठीक है।
आदित्यनाथ : देखिये मैं उस बात को कंडीशनल कहा है. अगर कोई आपको मरेंगे तो मुझे लगता है की सामने कोई मानव होगा तो उस मानव को आप मान सकते है की आपने थप्पड़ मारा आप दूसरा थप्पड़ भी सहन कर सकते है लेकिन अगर दानव है तो एक हाथ से मरता है दूसरे हाथ से जवाब भी दीजिये। मैं एक सन्यासी हूँ। अगर हमने सहस्त्र का प्रशिक्षण दिया गया तो सहस्त्र के साथ साथ शास्त्र का भी। अगर हमारे एक हाथ में माला है दूसरे हाथ में भाला भी ले कर चलते है। उससे समाज को शिष्ट भी किया जा सके और दोस्तों को उनके कृत्या की सज़ा भी दी जा सकें।
रजत शर्मा : मोदी जी कहते है सबका साथ, सबका विकास. आप कहते है एक मारोगे मैं दस मरूंगा।
आदित्यनाथ : मैंने कहा है कि भाई एक को मारोगे तो उसका... भाई ..यह तो होगा ही... अगर आप मरेंगे तो यह उम्मीद मत करिये आप सुरक्षित रहेंगे।
यह मामला जनवरी 2007 का है जब गोरखपुर और इसके आस-पास के इलाकों में दंगे हुए थे। घटना के बाद महिलाओं के साथ कथित उत्पीड़न से जुड़े मामले सामने आये थे। पुलिस को इस मामले में योगी आदित्यनाथ का एक टेप मिला था जो गोरखपुर रेलवे स्टेशन के बाहर दिया गया एक भाषण था।