नई दिल्लीः यूपी की सियासत के मुगलेआजम कहे जाने वाले सपा सरकार के कैबिनेट मंत्री आजम खान की परेशानी बढ़ सकती है। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान हिटलर के इस्तेमाल वाली कार सहित कई बेशकीमती पुराकालीन(ANTIQUES)चीजें खरीदने के मामले में जल्द जांच से घिरने वाले हैं। ईडी सूत्रों ने बताया कि इस बाबत मिली एक गुमनाम शिकायत को सं ज्ञान में लेकर आजम खान के खिलाफ जांच शुरू होगी। शिकायत में कहा गया है कि हवाला व ब्लैकमनी से विदेशी संग्रहालयों से बेशकीमती
सामान खरीदकर आजम खान ने रामपुर के अपने जौहर विश्वविद्यालय में संग्रह किया है। ताकि सबके सामने अपनी शेखी बघार सकें।
और खुद स्वीकार कर फंस गए आजम
आजम खान ने दो दिन पहले इकनॉमिक टाइम्स को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया। सवाल तो सारे राजनीति क हुए और आजम ने जवाब भी राजनीतिक दिया। मगर बातों ही बातों में आजम ने अपनी शानो-शौकत गिनानी शुरू कर दी। कहा कि वे दुनिया के कई म्यूजियम घूम कर आए हैं। जिस चीज पर दिल आया उसे ही खरीदकर जौहर विश्वविद्यालय के संग्रहालय के लिए लाया। चाहे वह हिटलर की मशहूर कार हो या फिर महात्मा गांधी की दुनिया भर के म्यूजियम की कुछ पेंटिग्स या तस्वीरें।
इससे पहले बहुत कम लोगों को मालुम रहा कि आजम के पास हिटलर की कार भी है। अब प्रवर्तन निदेशालय सहित अन्य एजेंसियों ने आजम के पास मौजूद बेशकीमती सामानों की लिस्ट बनानी शुरू कर दी है। पता किया जाएगा कि नियमों के तहत ये सामान खरीदे गए कि नहीं और इनकन का सोर्स क्या रहा।
विदेशी सामान खीरीदने के लिए पैसे कहां से आए
ईडी सूत्रों के मुताबिक गुमनाम शिकायत में कहा गया है कि आखिर आजम खान के पास विदेशी म्यूजियम में रखी पुराकालीन बेशकीमती वस्तुएं खरीदने के लिए पैसा कहां से आ रहा। क्या यह हवाला के पैसे या ब्लैकमनी से खरीदा जा रहा। इसकी जांच जरूरी है। शिकायत में कहा गया है कि पुराकालीन सामान ANTIQUES नियमों के तहत नीलामी में खरीदे गए हैं या तमाम विदेशी म्यूजियम से पुराकालीन वस्तुएं चोरी करने वाले गिरोह के जरिए।
उधर आजम खान के करीबियों का कहना है कि जो भी गुमनामी शिकायत हुई होगी वह राजनीतिक विरोधियों की साजिश है। पुराकालीन सामान नियम-कायदों से ही खरीदे गए हैं। विरोधियों की साजिश हर बार फेल होती रही है।