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।।राम राम सा।।।।खड़े होकर खाना क्यों नहीं खाना चाहिए।। भोजन से ही हमारे शरीर को कार्य करने की ऊर्जा मिलती है। हमारे देश में हर छोटे से छोटे या बड़े से बड़े कार्य से जुड़ी कुछ परंपराए बनाई गई हैं।वैसे ही भोजन करने से जुड़ी हुई भी कुछ मान्यताएं हैं। भोजन हमारे जीवन की

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देश की आधे से ज्यादा जनता कोल्डड्रिंक्स पर टिकी है। खासकर इसे पीने का मजा गर्मी में आता है जब भरी धूप में चिल्ड कोल्डड्रिंक पीने को मिल जाए। पूरे देश में कोका-कोला, पेप्सी, ड्यू, फैंटा और लिम्बा धड़ल्ले से बि

क्या आप जानते है कि बच्चों के पेट में कीड़े शरीर के पोषक तत्वों को चूसकर बच्चें को कमजोर कर देते है | ये कृमि एनीमिया, कुपोषण के अलावा पाचन तंत्र, हार्ट, लीवर, दिमाग को भी नुकसान पहुंचा सकते है | इतना ही नहीं यह कई शारीरिक, मानसिक समस्याएं भी पैदा कर देती है | इसलिए संभल .....continue reading http:

पढाई में मन लगाने के अचूक उपाय :जीवन के हर हिस्से में आपको एकाग्रता की जरूरत होती है क्योंकि एकाग्रता से अभिप्राय है कि आप अपने दिमाग को गलत और अनचाहे विचार से बचायें रखें, साथ ही अपना सारा ध्यान एक जगह पर लगाएँ रखें. इसके लिए आपको आपकी सारी क्षमताओं को इक्कठा करना होता है जिससे आपके मस्तिष्क की श

समाज में ऐसे व्यक्तित्व का विकास करना जो समतामूलक स्वस्थ समाज की रचना के लिए अति आवश्यक हैं । ऐसे व्यक्ति ही अपनी संकीर्ण सीमा से ऊपर उठकर समाज, देश और विश्व स्तर पर अपनी सेवाएं दे सकते हैं । ऐसे व्यक्तियों की स्मृति जितनी अच्छी होगी उतनी ही ज्ञान ग्रहण करने की क्षमती बढ़ जाएगी । जितना ज्ञान होगा,

यह अच्छी तरह अनुभव कर लिया गया है कि खिलखिलाकर हँसने से अच्छी भूख लगती है, पाचनशक्ति बढ़ती है और रक्त का संचार ठीक गति से होता है ।। क्षय जैसे भयंकर रोगों में हँसना अमृत- तुल्य गुणकारी सिद्ध हुआ है ।। खिल- खिलाकर हँसने से मुँह, गरदन, छाती और उदर के बहुत उपयोगी स्नायुओं को आवश्यकीय कसरत करनी पड़ती है,

ठंडा पेय (कोल्ड ड्रिंक्स ) जहर के समान है !ठंडा पेय (कोल्ड ड्रिंक्स ) जहर के समान है ! राजीव भाई ठण्डे पेयों (कोल्ड ड्रिंक्स) का PH मान 2.4 से लेकर 3.5 तक होता है जो कि एसिड की परिसीमा में आता है, रासायनिक रुप से हम घरों में जो टॉयलेट क्लीनर उपयोग में लाते हैं इसका भी PH मान 2.5 से लेकर 3.5 के बीच ह

मुस्किल बहुत है सेहत का बनाना ! बिगड़ जय तो फिर काया है ठिकाना !!सेहत के इन असुलो पर चलोगे ! तो ए दोस्त हमेशा फुलोगे फलोगे !!कई रोगो की जड़ होती है कब्ज जालिम ! नहीं रखना इससे जरा भी मरासिम १ !!अगर चाहो इस से पीछा छुड़ाना ! तो रोज किसमिस और गुलकंद खाना !! बहुत मीठे है फल जो रव ने बनाये ! इन्हे खाओ तो

अल सुबह जो खाये हवा ! काम आये न कभी दवा !!उषा पान करे जो रोज ! तो न रहे कब्ज का बोझ !!मालिस करे,करे योगासन ! पालन करे पथ्य अनुसासन !!तो ही रह कर स्वस्थ निरोग ! जीवन के भोगे सुख भोग !!दूध,छास,फल कच्ची सब्जी ! खाय नित्य न होवे कब्जी !!भोजन बाद न पिए पानी ! उसने अपच कभी न जानी !!भोजन के बाद जरा सा टहले

‘भूख खत्म करने वाली इतनी बीमारियां हैं कि कोई सहृदय, सक्षम और चुस्त डॉक्टर ही उसकी जड़ तक पहुंच सकता है’मनीषा यादवडॉक्टरों के कमरे में यह वाली प्रार्थना इतनी बार की जाती है कि यदि कभी झाड़ू मार कर प्रार्थनाओं को बुहारने की कोई तकनीक निकल आए तो उनके चैंबर से रोज बड़ा-सा ढेर इसी प्रार्थना का निकले. मै

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