Hindi poetry on love - तुमको लिखा करूंगी > अर्चना की रचना अब से मैं प्यार लिखूंगी तो तुमको लिखा करूंगी वो शामें मेरी ,जो तुम पर उधार हैं , उन पर ख्वाब लिखूंगी तो तुमको लिखा करूंगी वो गलियाँ जिन पर तेरेवापस आने क
प्रेम और विश्वासघात पर हिंदी कविता मलाल मुझे ताउम्र ये मलाल रहेगा तुम क्यों आये थे मेरी ज़िन्दगी में ये सवाल रहेगा जो सबक सिखा गए तुम वो बहुत गहरा है चलो प्यार गहरा न सही पर उसका हासिल सुनहरा है गैरों की नज़र से नहींखुद अपनी नज़र से परखा था तुम्हें मुझे लगा तेरे मेरा संग कमा
नाकाम मोहब्बत की निशानीताज महल ज़रूरी हैजो लोगो को ये बतलाये केमोहब्बत का कीमती होना नहींबल्कि दिलों का वाबस्ता होना ज़रूरी हैदे कर संगमरमर की कब्रगाहकोई दुनिया को ये जतला गयाके मरने के बाद भीमोहब्बत का सांस लेते रहना ज़रूरी हैवो लोग और थे शायद, जोतैरना न आता हो तो भीदरि
प्रेम, जिसमें मैं ही मैं होहम न होडूब गए हो इतने केउबरने का साहस न होवो प्रेम नहीं एक आदत हैउसकीजो एक दिन छूट जाएगीफिर से जीने की कोई वजहतो मिल जाएगीजब तू उस घेरे के बाहरनिहारेगातब ही तेरा आत्म सम्मानतुझे फिर से पुकारेगातू झलांग लगा पकड़ लेनाउसकी कलाई कोउसकी आदत के चलतेतूने नहीं सोचा खुद कीभलाई कोतब
होली के अवसर पर एक प्रेम भरी हिंदी कविता मैं तो तेरी होली…ओ रे पिया मैं तो तेरी होली तन मन धन सब वारा तुझपे तेरे पीछे मैंने अपनी सुद्बुध खो ली ओ रे पिया मैं तो तेरी होली रूप श्रृंगार से रिझाया तुझको स्वाद से भी लुभाया तुझको पत्नी ,माँ,प्रेमिका और सेविका चारों रूप से समर्प