अपने दिल पे हाथ रख के कहो कि
मुझे आपसे प्यार नहीं,
मना लेंगे नादां दिल को अपने
दिल से हम इतने भी लाचार नहीं,
चाहे हम क्यो न डूबे रहे अश्कों के समंदर में
पर करेंगे आपका यूँ अब इन्तजार नहीं,
दिल था नादां जो तुम पर आ गया
वरना हम भी किसी पे यूँ करते एतवार नहीं,
ऐसे तो मेरे किस्मत में है दर्द बहुत
लिखने वाले ने लिखा ख़ुशियों का संसार नहीं,
ऐसा नहीं कि लुट जाएँगे तेरे इश्क़ में
बता दे तेरे पीछे आएँगे अब बार बार नहीं,
हम तो कर चुके हैं दिल तेरे हवाले ओ बेरहम
बता तेरा दिल मेरे लिए है क्या अब भी बेकरार नहीं...(रघू)