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आरजू

26 दिसम्बर 2015

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सागर नहीं आँसू थे मेरे जिसमें वो कश्ती चलाते रहे,
मंजिल मिल जाए उनको इसलिए हम आँसू बहाते रहे!!!!!

-रघू- नारायण की अन्य किताबें

नीरज चंदेल

नीरज चंदेल

बहुत खूब

26 दिसम्बर 2015

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रचनाएँ
raghu
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दिल छू लेने वाली कविताओं और गजलों के लिए.....
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मोहब्बत की मिशाल

25 दिसम्बर 2015
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आरजू

26 दिसम्बर 2015
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सागर नहीं आँसू थे मेरे जिसमें वो कश्ती चलाते रहे,मंजिल मिल जाए उनको इसलिए हम आँसू बहाते रहे!!!!!

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हमे आपसे प्यार नहीँ

26 दिसम्बर 2015
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अपने दिल पे हाथ रख के कहो किमुझे आपसे प्यार नहीं,मना लेंगे नादां दिल को अपनेदिल से हम इतने भी लाचार नहीं,चाहे हम क्यो न डूबे रहे अश्कों के समंदर मेंपर करेंगे आपका यूँ अब इन्तजार नहीं,दिल था नादां जो तुम पर आ गयावरना हम भी किसी पे यूँ करते एतवार नहीं,ऐसे तो मेरे किस्मत में है दर्द बहुतलिखने वाले ने ल

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मुझे जब से आपकी आदत हो गई है...

10 जनवरी 2016
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मुझे जब से आपकी आदत हो गई हैमेरे दिल में भी क़यामत हो गई है।आपको जब कुछ खबर नहीं मेरीतो क्या बतलाना हमें मोहब्बत हो गई है।अब अपनी मुक़द्दर कहां कि दीदार हो आपकीदेख लिए ख्वाबों में तो दिल को राहत हो गई है।सुना है हमने कुछ लोगों से कि आजकलआपको भी मेरी चाहत हो गई है।झूम उठा दिल आप भी हमें चाहने लगेकी थ

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