* हैप्पी होली #😜
हमने सपने में कईयों को रंगा
लेकिन सुबह "वो".. कोरे थे.
गाल उनके मखमल से मुलायम
और शुद्ध दूध से गोरे थे.
सुबह जब हम होली
के नशे में चूर थे,
वो खुद को कोरा रखकर
घमंड से मगरूर थे.
हमने होली के दिन गरीब
उनके गोरे गालों को निहारा,
"मुझे कोई रंग ना सका "
ये प्रतिक्रिया
-समझ कर हमारा ईशारा.
हम अपनी शराफ़त के लिए
पूरे मुहल्ले में प्रख्यात थे,
वो ऐसे घमंड भरे बोलों से
पूरे मुहल्ले में कुख्यात थे.
उनकी ठिठोली से
हमारा दिल अटका,
अपनी शराफ़त पर
होने लगा खटका .
हमने तेल में मिलाये पक्के
रंग में तीन उंगलियां डुबाई,
पकड़ी उनकी नाझुक कलाई
बड़ी शराफ़त से तीन उंगलियां
उनके कोरे गोरे गालों पर फिराई.
ये देख संगी साथी सब
खुशी से मुस्काये और चिल्लाये,
लो पंगा अब सही होली आई,
वो मुस्काई, थोड़ा शरमाई
हमें उनकी ये अदा बहुत भायी.
अब.. बड़ी नजाकत से वो बोली,
थेन्क्यू "विश यू हैप्पी होली "🌹
.. नरेंद्र जानी (भिलाई नगर)
दिनांक.. 22.3.2016
🎨🎨🎨🎨🎨🎨🎨🎨
Moral..
हर कोई रंगों में डूबना चाहता है
सज्जनता से डुबाने वाला चाहिए.
🎨होली की शुभकामनाएं 🎨