14 जुलाई 2015
10 फ़ॉलोअर्स
मेकानिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्यरत . खेल कूद , साहित्य , संगीत से विशेष प्रेम . पर्यटन , समाज सेवा , में रूचि . D
जीवन के एक बहुमूल्य भाग की याद ताजा कराती एक उत्कृष्ट रचना
14 जुलाई 2015
मानव जीवन का सबसे प्यारा सा समय बचपन और उसकी यादें और वापस मिल जाने की उत्कंठा को कविता में शब्दों के मोती से बहुत खूबसूरती से पिरोया है आपने .... सुन्दर अभिव्यक्ति .. बधाइयाँ नरेंद्र भाई
14 जुलाई 2015
सुन्दर .... बचपन सबसे सुन्दर ... हर उम्र का अपना ही महत्व है ... बड़े होने के बाद परिवार का सुख अच्छा लगता है और बचपन में हम अपनी ही दुनिया में होते है ... बस दुःख नहीं होते हैं बचपन में ...
14 जुलाई 2015
बचपन की कितनी ही बातें याद आ गयीं...बहुत सुन्दर रचना ! बधाई !
14 जुलाई 2015