बहुत दिन हो गए मुहब्बत शब्द सुने हुए ,
कल बेवफा शब्द सुना और तुम याद आ गयी .
छोटी सी जिंदगी में जख्म बड़े बड़े खाए है ,
कल जब जख्म से टीस उठी तो तुम याद आ गयी .
अब तुम्हे अपना दिल का हाल क्या बताऊँ ,
दिल में एक हुक उठी और तुम याद आ गयी .
इस भरी दुनिया में अकेले रहना कितना मुश्किल है ,
कल तन्हाइयों में फिर तेरी याद आ गयी .
एक एहसास जिंदगी के साथ ही चलेगा ,
मैं शर्मा गया जब जब तुम्हारी याद आ गयी .
बेवफा तो शब्द है उलझे हुए प्यार का ,
वर्ना तो तुम हमेशा से मुहब्बत की फिझाओं में छा गयी .
कल जब दो लोगों में मुहब्बत का जज्बा देखा ,
तुम बेवफा नहीं ये बात समज में आ गयी ..
अब तुमसे कोई शिकवा नहीं है ,
बस आज फिर तुम्हारी याद आ गयी ..
आज फिर तुम्हारी याद आ गयी..
तुम्हारा - नरेंद्र