प्रत्येक गृहस्थी में रोज सब्जियों व फलों के छिलके फेंके जाते हैं जो
कचरे के साथ पर्यावरण में गन्दगी फैलाते हैं; गैस पैदा करते हैं और सड़ कर नष्ट हो
जाते है.
थोड़े से ही ध्यान और कष्ट से इन छिलकों को घर में ही compost में बदल
सकते हैं. यह कम्पोट आपके घरेलु बाग़ में ही काम आ कर आपके बाग़ की शोभा दुगनी कर
सकती है. लगभग 1 किलो कचरे से लगभग 100 ग्राम कम्पोस्ट बनती है.
हम तीन पड़ोसियों ने यह कार्य लगभग चार महीने पहले शुरू किया था. मेरे
दो बैच बन चुके हैं , एक पडोसी का एक बैच बना है और तीसरे का अभी कोई बैच पूरा
नहीं हुआ है. बैच से कोई बहुत बड़ा अर्थ न निकालें-ये सभी लगभग 800-900 ग्राम तक के
हैं.
अब तीन पडोसी और जुड़े हैं.
इसमें सभी अधिक चिंता सभी को अपने घर में गन्दगी और बदबू होने की होती
है. तो में आपको आश्वस्त लार्ता हूँ कि हो सकता है पहले और दूसरे बैच में तो, आपकी
ही कमियों (अज्ञानता ) के कारण बदबू आ सकती है और आस पास कुछ-ध्यान दें कुछ,
चीटियाँ आ सकती हैं इत्यादि. परन्तु तीसरे बैच तक आप इन सब से आगे निकल जायेंगे. हाँ
खाद जैसे बनने के पास होगी, उसमें खाद की गंध तो आएगी.
यदि हम लोग एक ग्रुप बना कर यह कार्य करें और आपस में विचार,
मुश्किलें और सफलताएं share करते रहें तो गलतियाँ भी नहीं होंगी और हम सभी अपने
देश के पर्यावरण में अपना “एक बूँद” योगदान दे सकेंगे.
तो आइये शुरू करें. मैं पूरी कार्यविधि यहाँ पोस्ट कर दूंगा. उसमें हम
सब मिल कर बेहतरी करते जायेंगे.
तो मेरा विनम्र निवेदन स्वीकार करें और ग्रुप join करें. अभी तो मैं नाम
केवल होम कम्पोस्ट ग्रुप दे रहा हूँ.
भवदीय,
वीरेन्द्र गुप्ता