"निस्वार्थ भाव से आया आगंतुक"
वरिष्ठ जीवन में एक प्रमुख कमी जो अनुभव की जाती है वह है व्यक्तिगत संपर्क। संपर्क तो व्यावसायिक जीवन के बाद से ही कम होने आरंभ हो जाते हैं । इस के अतिरिक्त इंटरनेट और मोबाइल ने इस 'कमी' को और भी बढ़ा दिया है । सब सोचते हैं कि अरे फोन पर बात कर लो, whatsapp पर विडियो काल कर लो इत्यादि।
मेरी आयु 80+ वर्ष है और मैं भी इस कमी से अछूता नहीं हूँ।
इसलिए, आज जब एक पुराने (लंबे समय तक) सम्बद्ध सज्जन लगभग 3-4 वर्षों बाद अचानक उपस्थित हुए, तो बहुत आनंद आया (जिसे अङ्ग्रेज़ी में PLEASANT SURPRISE ) कहा जाता है । इस से भी अच्छा तब लगा जब उन्होने कहा कि आज पहली बार वे निस्वार्थ भाव से आए हैं (अर्थात कोई व्यावसायिक चर्चा नहीं करनी है)।
बहुत आनद आया -काफी समय तक हम चर्चा करते रहे।
वरिष्ठ व्यक्ति को क्या चाहिए-दो बातें।
कृपया ऐसा SURPRISE आप भी किसी अपने पुराने सहयोगी को कभी कभी दीजिये।
धन्यवाद।
वीरेंद्र