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चुनाव में मर्यादाएँ

29 मई 2024

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2019 के चुनाव सम्पन्न होने के पश्चात मैंने
'शब्द' पर एक लेख प्रेषित किया था –“2019 के चुनाव अभियान में मर्यादाएं तार तार”। 

अब 2024 के चुनाव भी पाँच वर्ष बाद फिर सम्पन्न हो गए हैं (लगभग)। ये समाज के अवलोकन का समय है कि अबकी बार कितनी तार तार  हुईं मर्यादाएँ-पहले से कुछ कम या पहले से भी अधिक। 

सब का अपना अपना दृष्टिकोण रहेगा।  

चुनाव तो होते  ही रहेंगे।  

सत्ता चलाने वाले और media को चलाने वाले श्रेष्ठ पुरुष , कृपया सोचें। इस बार भी  जनता के द्वारा चुने जाने वाले प्रतिनिधियों ने बिना
किसी उत्तरदायित्व के 'बोल' तो बोले ही हैं। यह आपका दृष्टिकोण है कि मर्यादाओं की
धज्जियाँ कितनी उड़ीं।    

  

वीरेंद्र कुमार गुप्ता की अन्य किताबें

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2019 के चुनाव अभियान में मर्यादाएं तार तार

9 जून 2019
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2019 के इलेक्शन संपन्न हुए-गणतांत्रिक प्रक्रियाका एक मील का पत्थर. सारी गहमा-गहमी, उत्तेजना, भाषण, सभाएं इत्यादि कीअभी के लिए तो इति हुई.परन्तु गणतंत्र में चुनाव तो आम बात है और फिरचुनाव होंगे और होते रहेंगे. सभी (आम नागरिक) इस बात से सहमत होंगे किप्रतिस्पर्धता जो गणतंत्र में एक स्वस्थ घटना होनी चाह

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गुरुदेव रबिन्द्रनाथ टैगोर की एक रचना का अंश

12 जून 2019
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मै अनेक वासनाओं को प्राणपन से चाहता हूँ;तूने मुझे उनसे वंचित रख, बचा लिया.तेरी यह निष्ठुर दया मेरे जीवन के कण कण में व्याप्त है.तूने आकाश, प्रकाश, देह, मन, प्राण बिना मांगे दिए हैं.प्रतिदिन तू मुझे इस महादान के योग्य बना रहा है;अति इच्छा के संकट से उबार कर...मित्रों , अर्थात अपने आप को अति इच्छा के

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होम कपोस्टिंग

19 जुलाई 2019
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प्रत्येक गृहस्थी में रोज सब्जियों व फलों के छिलके फेंके जाते हैं जोकचरे के साथ पर्यावरण में गन्दगी फैलाते हैं; गैस पैदा करते हैं और सड़ कर नष्ट होजाते है. थोड़े से ही ध्यान और कष्ट से इन छिलकों को घर में ही compost में बदलसकते हैं. यह कम्पोट आपके घरेलु बाग़ में ही काम आ

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क्या यह हॉर्न जरूरी था/है ??

10 अगस्त 2019
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क्या यह हॉर्न जरुरी था/है ?आप कार चला रहे हैं. चलते चलते आप ने देखा कि आप ट्रैफिकजाम में फंस गए हैं. आप हॉर्न पर हॉर्न बजा रहे है; .....अफ़सोस कोई फायदा नहीं होरहा है; आप तो जाम में ही हैं. परन्तु क्या आप, कभी सोचते हैं कि क्या ये हॉर्न

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आइये कुछ बदलें

7 सितम्बर 2019
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आइये कुछ बदलें. जी हाँ, मेरा देशकुछ बदल गया है; कुछ बदल रहा है; और बहुत कुछ बदलेगा.ये आप सभी को हीनहीं, विदेशियों को भी दिखाई दे रहा है. इसलिए इस के उदाहरणों देने की आवश्यकतानहीं है. यदि किसी को नहीं दिखाई देता है तो हम उसका दृष्टि नहीं दे सकते.क्या मैं और आप इसबदलाव को केवल देखते ही रहेंगे (और/या आ

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आइये कुछ बदलें -2

30 अक्टूबर 2019
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मित्रों , मैंने पहले एक लेख में बदलाव के कुछ सरल विषय लिखे थे जिनमें हमारे समाज को बदलने की आवश्यकता है. फिर मैंने ट्रैफिक के केवल तीन बिंदुओं पर आप सब का ध्यान आकर्षित किया था-फालतू हॉर्न बजाना; वाहन ठीक से पार्क करना एवं द

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होली की शुभकामनाएं 2020

10 मार्च 2020
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कुसुम किसलय कुञ्ज कोकिल,कूकते है फ़ाग में।तन और मन भीगे हुए हैं,प्रेम और अनुराग में।।तन प्रफुल्लित मन प्रफुल्लित,नित नए उत्सर्ग में।ईश् अनुकम्पा बिखेरे,होलिका के पर्व में।।#आप_को_सपरिवार_रंगपर्व_होलिकोत्सव_की_हार्दिक_शुभकामनाएं।

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एक आधुनिक पौराणिक कहानी

24 मार्च 2020
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एक “आधुनिक” पौराणिक कहानीआप सभी नेपौराणिक कहानियों मेंपढ़ा हीहोगा किदेवताओं औरदानवों काबार बारयुद्ध होताथा, औरबार बारदेवता हारतेहुए, भगवान् (अर्थात भगवान् विष्णु ) के दरबारमें गुहारलगते थे–त्राहि माम,त्राहि माम.भगवान् फिरकिसी नएदेवी यादेवता कीरचना करकेदेवताओं कोशक्ति प्रदानकरते थे.देवता विजयीहोते थेऔ

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सन्नाटा सुनें

18 अक्टूबर 2020
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इस शोर शराबे के जीवन में, जहां आवाज की प्रबलता/ऊंचाई ही एक मापदंड है; आप शायद भूल ही गए होंगे कि सन्नाटा या शान्ति क्या है और कैसा/कैसी लगता/लगती है. तो सन्नाटा सुनने का तो कोई प्रश्न ही पैदा नहीं होता. सन्नाटा सुनना; यह आपने क्या कह दिया; क्या सन्नाटा भी कभी सुना जा सकता है ?शायद आपने एक पहेली क

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पतंजलि योग सूत्र -पहले अध्याय का सारांश

29 जून 2021
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10 नवम्बर 2021
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<p><strong>मुंशी प्रेमचंद की एक बिसरी हुई कहानी copy-paste कर रहा हूँ। </strong></p> <p><stron

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10 नवम्बर 2021
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<p> 7-09-19 को मैंने यहाँ पोस्ट किया था कि मेरा देश बदल रहा है। शुरुआत ऐसे थी

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भगवत गीता का सरल व व्यावहारिक ज्ञान

23 मई 2022
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श्रीमद भगवद गीता का नाम तो आपने अवश्य सुना होगा। श्रीमद भगवद गीता का नाम आते ही लगभग सभी हिंदुओं का मन श्रद्धा से तो भर ही जाता है । परंतु गीता के बारे में आप क्या जानते हैं? एक majority का उत्तर ह

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23 मई 2022
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"निस्वार्थ भाव से आया आगंतुक"

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"निस्वार्थ भाव से आया आगंतुक"  वरिष्ठ जीवन में एक प्रमुख कमी जो अनुभव की जाती है वह है व्यक्तिगत संपर्क। संपर्क तो व्यावसायिक जीवन के बाद से ही कम होने आरंभ हो जाते हैं । इस के अतिरिक्त इंटरनेट और मो

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श्री हनुमान जी –रामचरित मानस v/s वाल्मीकि रामायण

27 मार्च 2024
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 हनुमानजी के भक्तों ने शायद ही कभी ध्यान दिया हो कि राम चरित मानस में हनुमान जी के जो गुण चरितार्थ किए गए हैं, वे मुख्यत: शक्ति, भक्ति(श्रीराम की) और आज्ञा पालन हैं। क्योंकि इन सब गुणों को कठिन कार्य

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‘महात्मा’ वृत्रासुर और श्री विष्णु जी द्वारा जातिगत भेदभाव

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महात्मा और असुर; यह पढ़ कर आप भी चौंक गए होंगे। परंतु यह सच है। ये निम्न कहानी वाल्मीकि रामायण से आपके लिए प्रस्तुत है।             बहुत पहले की बात है (शायद त्रेता या द्वापर की) जब देवता और असुर परस्

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चुनाव में मर्यादाएँ

29 मई 2024
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2019 के चुनाव सम्पन्न होने के पश्चात मैंने 'शब्द' पर एक लेख प्रेषित किया था –“2019 के चुनाव अभियान में मर्यादाएं तार तार”।  अब 2024 के चुनाव भी पाँच वर्ष बाद फिर सम्पन्न हो गए हैं (लगभग)। ये समाज के

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