नई दिल्लीः यमन में अपहृत हुए भारतीय पादरी थॉमस उजहन्नालिल ने मोदी सरकार पर संगीन आरोप मढ़े हैं। कहा है कि पीएमओ से वह गुहार लगाते-लगाते थक गए, मगर अपहर्ताओं से बचाने के लिए भारत सरकार कुछ नहीं कर रही। अगर वह हिंदू होते तो अब तक मोदी सरकार एक्शन में जरूर आ गई होती। ईसाई होने की वजह से मोदी सरकार यमन से घर वापसी कराने में कोई रुचि नहीं ले रही है।
पादरी ने वीडियो जारी कर निकाली भड़ास
यमन से किडनैप किए गए भारतीय पादरी थॉमस उजहन्नालिल का वीडियो सामने आया है. इसमें पादरी थॉमस ने कहा है मैं एक भारतीय हूं उसके बाद भी भारत सरकार से मुझे कोई मद्द नहीं मिल रहा है पादरी थॉमस इस वीडियो के जरिए पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर मैं कोई हिंदू होता तो मुझे बचा लिया जाता . मेरे परिवार ने पीएमओ के सामने न जाने कितनी बार मेरी रिहाई को लेकर गुहार लगा चुकी है लेकिन मै एक ईसाई हूं जिसकी वज़ह से मुझे सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही है. अगर मैं एक यूरोपीय पादरी होता तो मुझे गंभीरता से लिया गया होता. लेकिन मै भारतीय हूं. इसलिए शायद मेरा ज्यादा मूल्य मेरे वतन को नहीं है. दूसरी ओर लोगो से वीनती करते हुए पादरी न कहा कि प्रिय दोस्तों , मैं आप सभी प्रार्थना करता हूं मैं अपनी जिंदगी की भीख मँगता हूं. मुझे बचा लो . मैं काफी लंबे अर-से से बीमार हूं मुझे अस्पताल में भर्ती होने की ज़रुरत हैं. कृपया मेरी मदद करें.इस वीडियो में भारतीय पादरी ने यह भी कहा कि 'प्रिय पोप फ्रांसिस, प्रिय पवित्र पिता, एक पिता के रूप में कृपया मेरे जीवन का ख्याल रखना। मैं बहुत निराश हूँ। मेरी सेहत बिगड़ती जा रही है। खबर लिखे जाने तक इस मामले में भारतीय विदेश मंत्रालय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए यमन दूतावास को रेस्क्यू करने का आदेश जारी कर दिया हैं.
कौन है थॉमस उजहन्नालिल
टॉम उजहूनालिल कैथोलिक फादर थे. वह यमन में मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी के लिए काम करते हैं .यूएस के एक न्यूजपेपर के हवाले से खबर आई थी आईएसआईएस ने पादरी को अगवा कर लिया हैं.