18 मार्च 2016
<p>सबसे पहले तो होली की शुभकामनाएँ । लोग बहुत ही ज्यादा बिज़ि हो चुके हैं । लेकिन त्योहारों की रौनक अभी भी गाँव घरों मे देखने को मिलती है, हा पहले जितनी तो नहीं । पहले से तो थोड़ी कम ही हो गई है । बाकी यहाँ शहरों मे इतनी एकता या प्रेम ही कहाँ है इसलिए रौनक कम हो चुकी है । </p>
19 मार्च 2016
जिस तरह से आज समय की भागदौड़ जारी है और लोगों की अतिव्यस्तता बढ़ती जा रही है | निःसंदेह इस कारण वाकई में त्योहारों की लोकप्रियता निरंतर कम होती जा रही है |
19 मार्च 2016