21 दिसम्बर 2015
56 फ़ॉलोअर्स
"जितने वाले कोई अलग काम नही करते,वे हर काम अलग ढंग से करते हैं" हिंदी प्रेमी D
जी उषा जी सहमत हूँ। मैं आपकी बात से !
29 दिसम्बर 2015
जब तक कानून अँधा बना रहेगा और सही गलत का फैसला गलत हाथों में रहेगा , तब तक किसी निर्दोष अबला को न्याय् नहीं मिलेगा !
28 दिसम्बर 2015
बिलकुल सही उमाशंकर जी आपकी बात से सहमत हूँ मैं सख़्त क़ानून तो बनाना ही पड़ेगा ...
22 दिसम्बर 2015
जी प्रियंका जी शर्म आती है एसे मामलों को देख कर ... काश निर्भया को इंसाफ़ मिल पाता....
22 दिसम्बर 2015
जब हम अपराधी को हिन्दू मुस्लमान के चश्मे से देखना बंद करेंगे और कानून का शख्ती से पालन होगा और मुकदमे सालों की बजाय महीनो और दिनों में फैसला आएगा.
22 दिसम्बर 2015
<p>कुछ भी नहीं होगा इनका . जब निर्भया जैसे मामले में ये हाल है तो आगे सवाल ही नहीं उठता . </p><p>किसी ने कहा है - </p><p>हिन्दुस्तान- भेड़िया मसान .... शर्म आती है ऐसे मामलो को देखकर </p>
21 दिसम्बर 2015
जी चंद्रेश जी मैं सराहनीय है आपका उतर .... कड़ा कानून तो बनाना ही पड़ेगा ताकि हम और बहु~ बेटियां सुरक्षित रह सकें … और फिर से कोई भी लड़की निर्भया जैसी इस्तथि मैं न पहुचे ....... धन्यवाद
21 दिसम्बर 2015
इसके लिए हमारे नेता-जन दोषी हैं जिनके स्वार्थ के कारण आवश्यक घिसे-पिटे कानूनों में संशोधन नहीं हो पा रहा है तथा जिसके कारण हमारी न्यायपालिका असहाय है ...ऐसे जघन्य अपराध करने वाले किसी भी शख्स को सजा देना अनिवार्य है | हम सभी को अपने विधाई प्रतिनिधिओं को इतना मजबूर कर देना चाहिए कि वो ऐसे अपराधिओं को ऐसी सजा देने का कानून बनायें जिससे ऐसा घृणित कर्म करने से पूर्व उनकी रूह थर्रा जाये | अगर देर हुई तो कही ऐसा न हो कि ऐसे पापियों को जनता स्वयं ही चौराहों पर मौत के घाट उतार दे | ऐसे मौहाल से बचने हेतु हमें जल्द से जल्द इस जल्लाद को न्याय के कटघरे में खड़ा कर कठोर से कठोर सजा देना चाहिए ताकि हमारी बहू-बेटियां गुलाम हिंदुस्तान नहीं वरन आज़ाद हिंदुस्तान का अहसास कर सकें |
21 दिसम्बर 2015