20 फरवरी 2016
<p>निधि जी एवम् निधा जी ये फेक आईडी का गेम बहुत पुराना है और इस गेम का मैं ओनर हूँ बच्चे! मैं जनता हूँ आप कौन है इसलिए अपना इंट्रो मुझे मत बताये क्योंकि फेक आईडी वालो पे ये शोभा नहीं देता की वो दूसरो को अपनी राय बताये मैं जो कुछ भी हूँ रियल हूँ आपकी तरह दोमुहा साँप नहीं हूँ जो एक साइड से मेल है और दूसरी साइड से फीमेल है यानि कॉमन जेंडर जैसा कि आपने कहा की मुझे बात करने की तमीज नहीं तो मैं यह आपको बता दूं कि मैं फेक आईडी वालो से इसी तरह बात करता हूं मैंने पेर्सनलयी आपको कुछ नहीं कहा मेरी बात तो रजत चंडूल से हो रही थी तो आपको दर्द क्यों हुआ इससे यह साफ़ पता चलता है कि आप ही रजत चंडूल है जो अलग अलग फेक आइडियो से आकर कमेंट्स करते है इसलिए आपसे गुजारिश है मुझे बत्तमीज कहने से पहले अपने जिरेबां में झांके कि उस गिरेबान में दीमक के कितने छेद है पहले उन छेड़ो को कीटनाशक से भर दो फिर अपनी राय दो लेकिन अपनीओरिजिनल आईडी से शब्दनगरी पर तुम्हारी कई आईडी है जो मैं जनता हूँ इसलिए ये डीएक्टिवेट करने का खेल खेलने की जरुरत नहीं ये पैतरा पुराना हो चूका है क्योंकि </p><br><p>खेल खेल में </p><p>खेल खेल के</p><p>खेल खेलिए </p><p>आजायेगा </p><br><p>एक एक से एक होता है </p><p>दो एक से भी एक होता है </p><p>इसका मतलब शायद आपको समझ में आ गया होगा |</p><br><p>नोट : अगर आप शब्दनगरी पे नहीं आना चाहती है तो एक मेल करिये जहां पर लिखा है संपर्क करिये 72 घंटे में आपका अकाउंट फुस्स हो जायेगा </p><p>धन्यवाद </p><p>सेवा में आपके लिए हमेशा मौजूद आपका प्रिय मित्र आपका शुभचिंतक </p><br><p>The Great Sanjay Singhaniya </p><br>
22 फरवरी 2016
<p>मै वाराणसी से हूँ और अभी ५-६ दिन पहले ही शब्दनगरी पर आयी हूँ, संजय जी मैंने आपके बहुत सारे स्टेटमेंट पढ़ें और उसमे देखा की किस तरह से आपने अपनी सभ्यता दिखाई है । </p><p>आप एक निहायत ही बत्तमीज इंसान है जिसे लड़कों से तो क्या लड़कियों से तक बात करना नहीं आता है, क्या आप अपनी बहनो से भी इस तरह से बात करते है, मै भी आपकी बड़ी बहन जैसी ही हूँ और आप मुझसे ऐसे बात करेंगे ?</p><p>अगर शब्दनगरी पर इस तरह के बुद्धिजीवी है तो <font color="#c0504d">चंद्रेश जी कृपया मेरा अकाउंट डिलीट कर दें</font>, मै शब्दनगरी पर और ज्यादा नहीं रुक सकती । </p><br><p>धन्यवाद </p>
22 फरवरी 2016
मुझे लगता है कि आपलोगो को लाइक अनलाइक खेलने का बड़ा शौक है ये खेल बहुत पुरना है बच्चे और मैं इस खेल का बादशाह हूँ और बादशाह हमेशा बादशाह होता है और वो एक ही होता है जो कि मैं हूँ |
20 फरवरी 2016
<p>निधि जी आपको फेक आईडी बनाने की जरूरत नहीं है सबसे पहले मामले को समझने की कोशिश करो फिर अपना स्टेटमेंट दो| मुझे पता है कि आप कौन है मेरे द्वारा चंद्रेश जी को कोई भी स्टेटमेंट नहीं दिया गया है मेरा स्टेटमेंट सिर्फ इस क्वेश्चन पर था | मेरे द्वारा चंदेश जी की पूजनीय माता जी को कोई भी स्टेटमेंट नहीं दिया गया मेरे बारे में आप क्या सोचती व् सोचते है मुझे फर्क नहीं पड़ता और मैं यदि आपको अच्छा व्यक्ति नहीं लगता तो मुझे कौन सा आपसे शादी करनी है और धिक्कार है आप पर जो फेक आईडी बना कर आते है </p><br><p>वो एक कहावत है न कि </p><br>जब तैरना न आता हो तो गंगा जी में नहीं कूदना चाहिए डूबने का डर रहता है |
20 फरवरी 2016
आपने पहले जो स्टेटमेंट लिखा था वह मैंने पढ़ लिया था इसे एडिट करने की जरुरत नहीं थी इससे आपके योग्यता का पता चलता है कि आप कितने महान लेखक है भगवान् ने हम सब में कुछ न कुछ विशेषता देकर धरती पर भेजा है आपके शब्दों से ऐसा क्यों लगता है कि आप अपने को ही सर्वज्ञानी समझ रहे है अगर ऐसी सोच है सो यू आर इन दी डार्कनेस
20 फरवरी 2016
<p>संजय जी आपको कैसे पता की यह कंपनी चंद्रेश जी की है ?</p><p>अगर ऐसा है तो वो कुछ भी कर सकतें है, किसी की माँ के बारे में कुछ भी कहना गलत है , मा भगवान का रूप होती है , अगर कोई व्यक्ति माँ शब्द का मतलब नहीं जानता तो धिक्कार है उस पर। जिस तरह से आप उनसे अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे है उससे तो यही प्रतीत होता है की आप एक सज्जन व्यक्ति नहीं है । </p>
20 फरवरी 2016
अमितेश जी यहाँ कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं चल रही | मैंने आपको नहीं संजय जी को जवाब दिया था क्योंकि उन्हें मेरे द्वारा आपको भेजे सन्देश का पता नहीं था तभी उन्हें आपकी माफी वाली प्रतिक्रिया से भी धमकी जैसी बात समझ में आई और उन्होंने प्रतिक्रिया दी हालाँकि मैंने उनके जवाब में स्पष्ट भी कर दिया था कि कृपया इसे अन्यथा न लें यह बात केवल इसलिए थी ताकि वो समझ सकें कि किसी से मर्यादित आचरण करने की मेरे में वास्तव में कानून रूप से भी पूरी समझ है | वैसे मुझे जानकार यह अच्छा लगा कि आप एक संस्कारवान सम्भ्रान्त परिवार से हैं | मेरी बात से फिर भी अगर आपकी भावना को ठेस लगी हो तो इसके लिए मै ह्रदय से खेद व्यक्त करता हूँ | मेरी माँ अम्बे से कामना है कि आपके भाई और पूज्य पिताजी की तरह ही आपको भी प्रतिष्ठित एवं गरिमामय पद हासिल हो |और समाज के लिए भी एक आदर्श व्यक्तित्व बनें | वैसे आप के ख़राब या अच्छे कमेन्ट सभी का स्वागत है लेकिन आप जैसे बुद्धिजीवी से इतनी तो जरुर आशा है कि आगे शब्दों का चयन आप किसी के लिए भी उसके आत्मसम्मान के अनुकूल ही करेंगे और तार्किक तटस्थ प्रतिक्रिया देंगे | धन्यवाद !!!
20 फरवरी 2016
<p>संजय जी आपसे आग्रह है कि अमितेश चटोपाध्याय जी द्वारा मेरे नाम से जुड़ी मेरी माँ श्रीमती विमला त्रिपाठी पर की गई अमर्यादित प्रतिक्रिया पर मेरे द्वारा इन्हें भेजे सन्देश को पढ़ें :</p><br><p><strong>अमितेश जी, विमला मेरी माँ का नाम है जिसे मैंने अपने नाम के साथ जोड़ा है | आपकी माँ के लिए कोई अगर नकारात्मक प्रतिक्रिया करे तो आपको अच्छा लगेगा ? आपको मेरा लेख न अच्छा लगे आप उसकी बुराई कीजिये |प्रश्न से असहमति प्रकट कीजिये लेकिन मेरी माँ से सम्बंधित कोई गैरवाजिब प्रतिक्रिया कर कृपया मेरे आत्म सम्मान पर चोट मत करिए | रही बात सो कर जागने की तो उससे पहले पहले के प्रश्न भी देख लीजिये | तर्क की बात कीजिये | याद रखिये सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं | मेरी कंपनी किसी यूजर को खोना नहीं चाहती लेकिन एक की वजह से टीम के मनो बल के मद्देनज़र आपका अकाउंट डीएक्टिवेट भी कर सकती है | उम्मीद है आगे आप नकारात्मक स्वरुप से अलग एक सकारात्मक छवि का परिचय देंगे | धन्यवाद | </strong></p><p><strong><br></strong></p><p class="MsoNormal"><span lang="HI" style="font-size:12.0pt;line-height:115%;font-family:"Mangal","serif";mso-bidi-language:HI">इस सन्देश में अगर अमितेश जी,आपको या किसी अन्य को धमकी लग रहा हो तो इसका मुझे हार्दिक खेद है लेकिन डीएक्टिवेटकरने की बात न केवल अमितेश जी वरन मेरे सहित उन सभी यूजर्स पर लागू होती है जो अपनीकिसी पोस्ट में कभी यदि अमर्यादित भाषा आचरण करते हैं| रही बात कंपनी की तो यहकंपनी मेरी ही नहीं हर उस यूजर की है जो इस कंपनी से जुड़ा है| फिलहाल इस कंपनी काकंटेंट राईटर होने के साथ मै भी सभी जैसा इसका एक सामान्य यूजर हूँ| अपने बारे मेंमै आपको एक बात जरुर बताना चाहूँगा कि मै उस परिवार से हूँ जहां मुझे मर्यादितआचरण करने के संस्कार विरासत में मिले हैं साथ ही मेरे पिताजी और मेरे बड़े भाई जोबहुत काबिल और इज्जतदार एडवोकेट हैं उनसे मुझे कानूनी जानकारी भी अच्छी तरह मिलीहै कि मेरा दायरा क्या है ? मेरा अनुरोध है कि इस बात को भी कृपया आप पुन्हः धमकीके रूप में बिल्कुल मत लीजियेगा क्योंकि कानूनन पक्ष से भी मै भली-भांति परिचितहूँ इस बात के उल्लेख का एकमात्र यही उद्देश्य है| वैसे आप और अन्य सभी लोगों सेमेरा विनम्र आग्रह है कि मेरी माँ की जीवनी पर लिखी मेरी पुस्तक देवी विमला ... एकसाधारण भारतीय महिला की असाधारण कहानी –फिल्म पटकथा लेखन पर आधारित - दिल्ली स्थितअनुराधा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित अवश्य पढ़ें जिसके बाद आपको ज्ञात होगा कि एक माँकी किसी भी व्यक्ति के जीवन में क्या भूमिका होती है ? ये न केवल मेरी माँ वरनविश्व की किसी भी माँ की कहानी हो सकती है| इसीलिए जब अमितेश चटोपाध्याय जी नेमेरी माँ के नाम से जुड़ी प्रतिक्रिया दी तो स्वयं को रोक नहीं पाया| मां औरघर-परिवार के अलावा मुझे किसी भी प्रतिक्रिया से कोई शिकायत नहीं है क्योंकि किसीभी इंसान की कोई भी बात, विचार या कृति सबको पसंद नहीं हो सकती| मेरी बुराई सेमुझे कोई शिकायत नहीं लेकिन मेरी माँ से जुड़ी किसी भी नकारात्मक प्रतिक्रिया मैहरगिज सहन नहीं कर सकता| खैर आपके के साथ ही सभी से एक और विनम्र आग्रह करना चाहूँगाकि माँ शक्ति पर लिखी पुस्तक शक्तिपीठ – दिल्ली स्थित गुल्लीबाबा प्रकाशन द्वाराप्रकाशित द्वितीय संस्करण भी कृपया जरुर पढ़ें और अपनी सकारात्मक और नकारात्मकप्रतिक्रियाओं से मुझे अवगत करवाएं ताकि आपकी सराहना से मै अपनी लेखनी में निरंतरनिखार और आलोचना से सुधार लाकर अपनी माँ श्रीमती विमला त्रिपाठी के जीवन पर अपनेगुरु संजय लीला भंसाली की तरह अपनी मृत्यु के पूर्व कम से कम एक फिल्म अवश्य बना सकूँ|उम्मीद है आप सभी का स्नेह, सहयोग, दुआ और आशीर्वाद मुझे अवश्य मिलेगा और मेरी माँका यह सपना कि एक दिन मै एक सार्थक रचनाकार या लेखक बनूँ वो सच हो जाए...जय मातादी !!! </span><span style="font-size:12.0pt;line-height:115%;font-family:"Mangal","serif";mso-bidi-language:HI"><o:p></o:p></span></p>
20 फरवरी 2016
मै मर्यादा में ही बात कर रहा हूँ चंद्रेश जी रही बात आपके घर के लोग एडवोकेट है तो आपको बता दूं मेरे घर में मेरे भाई एसएसपी पिता मेरे मिनिस्ट्री ऑफिस में है।मुझसे जो गलती हुई उसकी माफ़ी मैंने पूरी शब्द नगरी पे मांगी थी जिस तरह मैंने मजाक उड़ाया उसी तरह आपसे माफ़ी भी मांगी ताकि सभी लोग पढ़ ले।आपके शब्दों से मुझे ऐसा लग रहा था जैसे आप मुझे धमकी दे रहे हो।फेसबुक पे या ट्वीटर पे क्या ऐसे ही ऑफिस के लोग आकर धमकी देते है जो आप मुझे दे रहे है अगर ऐसा है तो नोटिस लगा दीजिये की यहाँ पर सिर्फ आप रचना देख सकते हो लिख नही सकते है।जिस तरह आपको अच्छे कॉमेंट मिलते है उसी तरह आपको ख़राब कॉमेंट भी मिलेंगे इसकी आदत डाल ले।
20 फरवरी 2016
<p>अमितेश जी अच्छा लगा कि आप शब्दनगरी से इतना लगाव रखते हैं कि इससे जुड़े रहने के लिए आप कोर्ट तक जाने को तैयार हैं | हमारी यह कोशिश है कि आप अपने मित्रों को भी शब्दनगरी से जोड़ें और जितना हो सके लोगों को इस मंच के बारे में बताएं | लेकिन एक बात आपसे अवश्य कहना चाहूँगा कि जो हमारे और आप सहित सभी लोगों पर लागू होती है कि हमारी स्वतंत्रता वहां ख़त्म हो जाती है जहां दूसरे व्यक्ति की स्वतंत्रता शुरू होती है |परेशान न हों आप सहित सारे लोग शब्दनगरी की पूंजी हैं जिन्हें हमें जोड़कर रखना है | जहां तक आपकी शिकायत या सुझाव या किसी भी प्रतिक्रिया की बात है तो इनका शब्दनगरी पर स्वागत है लेकिन <span style="line-height: 18.5714px;"> हमारा विनम्र </span><span style="line-height: 18.5714px;">आग्रह है कि </span>कृपया आप अपनी बात मर्यादित स्वरुप में रखें क्योंकि यह सोशल मीडिया है जहां आपके घर परिवार समाज देश दुनिया के ही लोग जुड़े हैं जो सभी यूजर से मर्यादित आचरण की अपेक्षा रखते हैं |आशा है आप हमारी बात को समझेंगे | धन्यवाद !</p>
20 फरवरी 2016