9 दिसम्बर 2015
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संजीव कुमार सिंह, मासिक पत्रिका आईना समस्तीपुर के संपादक है | इनका आवास समस्तीपुर जिले रोसेरा ब्लॉक के ऐरॉत गांव में है |D
निश्चित तौर पर पत्रकारिता का स्तर गिरा है. सभी राजनितिक दलों ने अपने अपने छद्म मीडिया ग्रुप बना रखे हैं. आज हर पत्रकार किसी न किसी पार्टी का भोंपू बना हुआ है. अगर सच्चा पत्रकार ढूँढा जाये तो लाखों में कोई एक ही मिलेगा. निसंदेह यह लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है.
18 दिसम्बर 2015
अब पत्रकारिता मे ९० प्रतिशत राजनीति का पूर्ण रूप से समावेश हो गया है तो स्तर। भी तो गिरेगा ही
18 दिसम्बर 2015
<h5 class="ques_head" style="color: rgb(153, 153, 153);"><p>मेरे हिसाब से तो हा । उसका कारण ये है की आज पत्रकार भी वही खबरें दिखा सकते हैं जो बिकती हो। और जो सच्चाई दिखाना चाहे उसे इजाज़त नहीं मिलती । </p>ये समस्या का अब कोई निदान भी नहीं है </h5>
18 दिसम्बर 2015
<p class="MsoNormal" style="text-align:justify"><span lang="HI" style="font-size: 12.0pt;line-height:107%;font-family:"Utsaah",sans-serif">पत्रकारिता का मुख्य</span><span style="font-size:12.0pt;line-height:107%;font-family:"Utsaah",sans-serif"> <span lang="HI">लक्ष्य है जनता तक खबरें पहुंचाना तथा समाज में हो रहे अच्छे कामों को दिखाना साथ ही गलतियों को सामने ले आना। पत्रकारिता के कुछ मूल आचार-व्यवहार में सच्चाई</span>, <span lang="HI">परिशुद्धता</span>, <span lang="HI">निष्पक्षता तथा समाज के प्रति कुछ जवाबदेही होती</span> <span lang="HI">है।</span> <o:p></o:p></span></p><span lang="HI" style="font-size: 12.0pt;line-height:107%;font-family:"Utsaah",sans-serif"><br></span><p class="MsoNormal" style="text-align:justify"><span lang="HI" style="font-size: 12.0pt;line-height:107%;font-family:"Utsaah",sans-serif">यदि मैं आपसे पूछूँ कि पिछले कुछ माह की सबसे बड़ी खबरें बताएं तो आपके दिमाग में सबसे पहले क्या आएगा</span><span style="font-size:12.0pt;line-height:107%;font-family:"Utsaah",sans-serif">?<span lang="HI"> गुजरात में आरक्षण के लिए आंदोलन</span>,<span lang="HI"> असहिष्णुता की असंख्य कहानियाँ</span>,<span lang="HI"> प्रधानमंत्री जी के विदेश दौरों पर कुछ अरुचिकर तथा भटकाने वाली खबरें</span>,<span lang="HI"> और सबसे बड़ी दादरी</span>,<span lang="HI"> शीना बोरा मर्डर केस की खबरें</span>,<span lang="HI"> यही सब ना</span>?<span lang="HI"> यदि मैं आपसे पूछूँ कि चार अच्छी खबरें बताएं – मेरा विचार है यदि आप स्वयं जागरूक नहीं हैं तथा देश दुनिया के विषय में जानने में ज्यादा रुचि नहीं रखते तो शायद अख़बार / टीवी में देखी खबरों से आप ऐसी चार खबरें नहीं बता पाएंगे जिसमे कुछ भी अच्छा बताया हो। </span><o:p></o:p></span></p><span style="font-size:12.0pt;line-height:107%;font-family:"Utsaah",sans-serif"><span lang="HI"><br></span></span><p class="MsoNormal" style="text-align:justify"><span lang="HI" style="font-size: 12.0pt;line-height:107%;font-family:"Utsaah",sans-serif">अभी पिछले दो दिनों की बात करूँ तो एक मुख्यमंत्री ने देश के प्रधानमंत्री के लिए इतनी अभद्र भाषा का प्रयोग किया उस पर किसी मीडिया कर्मी ने उसकी भर्त्सना नहीं की</span><span style="font-size: 12.0pt;line-height:107%;font-family:"Utsaah",sans-serif">,<span lang="HI"> न ही माफी मांगने की अपील। परंतु देश के किसी भी कोने में छोटी से छोटी घटना के लिए राज्य सरकार को छोडकर सीधा प्रधानमंत्री जी को निशाना बनाना। इसमे निष्पक्षता कहाँ दिखती है</span>?<span lang="HI"> एक योगी</span>,<span lang="HI"> एक साध्वी कुछ बयान देते हैं</span>,<span lang="HI"> और हिंदुओं को तालिबान बना देती है ये मीडिया। दुर्गा पूजा के बाद विसर्जन दो दिन के लिए रोका जाता है जिस से समुदाय विशेष की भावनाओं को चोट न पहुँचे और इस पर एक खबर नहीं। गणेश विसर्जन के जुलूस पर पथराव पर एक खबर नहीं। क्या इसको निष्पक्ष पत्रकारिता कहेंगे</span>?<o:p></o:p></span></p><span style="font-size: 12.0pt;line-height:107%;font-family:"Utsaah",sans-serif"><br></span><p class="MsoNormal" style="text-align:justify"><span lang="HI" style="font-size: 12.0pt;line-height:107%;font-family:"Utsaah",sans-serif">जिस तरह की रिपोर्टिंग दादरी के समय हुयी मुझे यही डर लगा था कि कहीं देश में दंगे न हो जाएँ। ऐसा ही डर लगा था मुझे गुजरात में पटेल आंदोलन के समय। मैं गुजरात में ही रहती हूँ। रोजाना ऑफिस गयी सिर्फ इसलिए कि हर बात पर डर के घर में छुप कर नहीं बैठ सकते। असली परिस्थिति तो कुछ-एक इलाकों के सिवा शांत ही थी पर मीडिया की मानें तो ऐसा लग रहा था जैसे गुजरात जल रहा हो। मीडिया का असली रूप मैंने इतने पास से तभी देखा था। दंगे भड़काने में सबसे बड़ी भूमिका कहीं न कहीं मीडिया वालों की है ऐसा मेरा मानना हो गया है अब।</span></p><span lang="HI" style="font-size: 12.0pt;line-height:107%;font-family:"Utsaah",sans-serif"><br></span><p class="MsoNormal" style="text-align:justify"><span lang="HI" style="font-size: 12.0pt;line-height:107%;font-family:"Utsaah",sans-serif">अभी आए दिन मीडिया वाले ट्विटर पर पोल चलते हैं</span><span style="font-size:12.0pt;line-height:107%; font-family:"Utsaah",sans-serif">,<span lang=
17 दिसम्बर 2015
<h1>बिहार में <span></span><span></span>नयी सरकार <span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span>का कार्य कैसा चल रहा है?यह सरकार <span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span> पूर्व की सरकार से अच्छी है या बुरी ?<span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><br></h1>
11 दिसम्बर 2015
<h1>बिहार में <span></span><span></span>नयी सरकार <span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span>का कार्य कैसा चल रहा है?यह सरकार <span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span> पूर्व की सरकार से अच्छी है या बुरी ?<span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><span></span><br></h1>
11 दिसम्बर 2015
<p>हां ! पत्रकार अब पचछकार हो रहे हैं मीडिया खबर बेचती हैऔर पच्छपात करती है <br></p><p><br></p>
11 दिसम्बर 2015