24 दिसम्बर 2015
अच्छी शुऱुआतें बहुत छोटी और बड़ी साधारण भी हो सकती हैं लेकिन ये शुरू खुद से और अपने ही घर से होती है... बड़ा सटीक कहा गया है 'दानशीलता की शुरुआत अपने ही घर से होती है' I
25 दिसम्बर 2015
<p>सबसे पहले खुद से करनी पड़ेगी</p><br>
25 दिसम्बर 2015
<p> योगिता जी नमस्कार। सबसे पहले आपको शुक्रिया कहना चाहूँगी, वाकई आपकी सोच से मैं पूर्णतया सहमत हूँ । साथ ही मैं आपको आभार प्रकट करती हूँ कि आपने वास्तविकता का यथार्थ वर्णन किया हैं...हम सभी बदलाव की बातें तो करते हैं और इस दौड़ में सबसे आगे भी खड़े रहते हैं परन्तु जब स्वयं बदलने की बात आती हैं तो हम दूसरों पर आश्रित हो जाते हैं, क्रम बदलकर पहले देश फिर समाज , फिर परिवार और अंततः हम स्वयं आते हैं...क्या देश हमसे नहीं, हम इस समाज का हिस्सा नहीं...बदलना हमें हैं, बदलाव इसी से होगा अन्यथा जैसा कि आपने कहा ये केवल एक मुद्दा बनकर रह जायेगा!!!</p>
25 दिसम्बर 2015
नमस्कार नेहा जी आपका प्रश्न बड़ी ही आचि सोच रखने वाला है सबसे पहला की अगर बदलाव की सुरुवात करनी है तो हमको खुद से करनी होगी पहले अपनी सोच को बड़ी आचि और साफसुथरी छवि वाला बनाना पड़ेगा फिर घर और आस पास के लोग और फिर समाज फिर हमारा देश .... पहले तो हमें महिलाओं के प्रति आचि सोच रखनी होगी और घर घर से लड़के और लड़कियों का भेद हटाना होगा ... हम सब कहते बहुत हैं लिखते भी बहुत है पर क्या इसका असर हो रहा है समाज पर ... नहीं नहीं हो रहा है ये एक सिर्फ मुद्दा बन कर रह गया है .... बदलाव आना ही चहिये और बदलाव करना ही पड़ेगा ... तो सुरुआत आज से और अभी से करों पहले खुद को बदलो और फिरर ओरों को .... शायद आप मेरे उत्तर से संतुष्ट होंगी ... धन्यवाद
24 दिसम्बर 2015