30 मार्च 2016
चीनी के दाम बढ़ जाएँ, ये भी दिक्कत नहीं. लेकिन इतना ज़रूर हो कि बढ़ी कीमतें सीधे गन्ना किसानों को मिलें. लेकिन ऐसा शायद ही हो सके. गेहूं, दाल-चावल के बाद गुड़ और शक्कर की बारी आती है, इनके दाम बढ़ने से ग़रीब जनता सीधे प्रभावित होती है. समस्या का समाधान भी तभी होता है जब त्राहि-त्राहि मचती है. तब तक ग़रीब जनता को पिसना होता है. इस बात पर नियंत्रण हो कि आवश्यक खाद्य सामग्री के दाम ग़रीब जनता की पहुँच में रहें I
31 मार्च 2016
शक्कर ही क्यों , अब हर चीज़ की तो महंगी हो गई है, लेकिन महंगाई के चलते अब चाय पीना बंद तो नहीं किया जा सकता . हा ये ज़रूर है की उस हिसाब से घर खर्च मैनेज करना पड़ता है . कही ज़्यादा खर्च हो जाता है तो दूसरी जगह कटौती करनी पड़ती है. ऐसे ही चलता रहता है .
31 मार्च 2016
ऋषिवल्लभ जी महंगाई ही इस सरकार के लिए भी बड़ी मुसीबत बनेगी यह बात तो तय है |
31 मार्च 2016